विरासत में मिली जल्लादी, निर्भया के चारों दोषियों को फांसी पर लटका कर यह नया रिकॉर्ड बनाएंगे पवन
मेरठ. समान्य तौर कुछ लोगों को अपने पूर्वजों से विरासत में जमीन-जायदाद और तमाम संपत्ति मिलता हैं तो किसी को अच्छे संस्कार और अन्य चीजें मिलती हैं। शायद ही किसी के साथ ऐसा होता है कि उसे विरासत में कुछ बुरे कामों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी मिले। इसी क्रम में एक नाम शामिल है उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहने वाले पवन का। जिन्हें उनके पूर्वजों ने विरासत में जल्लादी सौंपी हैं। पवन अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं, जो जल्लादी का काम करते हैं। पवन निर्भया केस के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में एक साथ फांसी पर लटकाएंगे। चारों को दोषियों को एक साथ फांसी पर लटका कर पवन अपने ही दादा का रिकॉर्ड तोड़ेंगे।
मेरठ के पवन जल्लाद और उसके परिवार को देश भर में जल्लाद के रूप में जाना जाता है। 1950-60 के दशक में इस परिवार के पहली पीढ़ी के मुखिया लक्ष्मण देश में मुंसिफो कोर्ट द्वारा सजा दिए गए मुजरिमों को फांसी पर चढ़ाया था। अब उन्हीं लक्ष्मण का पड़पोता यानी चौथी पीढ़ी के मुखिया पवन अपनी जिंदगी की पहली फांसी देने के तैयारी में जुटा हुआ है।
पवन इससे पहले करीब पांच दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने के दौरान अपने दादा के कालू राम जल्लाद का सहयोग दिया था। हालांकि कभी भी वह अकेले फांसी पर किसी को भी नहीं चढ़ाया है। पवन जल्लाद के सामने यह चुनौती है कि चारों दोषियों को एक साथ फांसी पर चढ़ाना है।
मीडिया से बात करते हुए पवन जल्लाद ने कहा, "यह मेरे पूर्वजों का आशिर्वाद है। मैं बिल्कुल तैयार बैठा हूं मैं अपनी जिंदगी में एक साथ चार दोषियों को फांसी पर टांगने वाला हूं। पवन ने कहा कि इससे पहले मैं अपने दादा के साथ फांसी में सहयोग करता था। इसके साथ ही इससे पहले तक एक बार में सिर्फ एक या दो ही दोषियों को फांसी पर टांगा हूं।
दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने 7 जनवरी को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्भया के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने का फरमान जारी किया था। जिसमें कोर्ट ने 22 जनवरी 2020 को सुबह 7 बजे का समय मुकर्रर किया है। इस डेथ वारंट के जारी होने के बाद से बीते 7 सालों से न्याय का इंतजार कर रहे लोगों की जीत हुई।
वहीं, निर्भया के दो दोषियों ने मौत से बचने के लिए हर कानूनी दांव पेंच का प्रयोग किया है। इन सब के बीच अक्षय और एक अन्य दोषी के द्वारा दायर किए गए क्यूरेटिव पिटीशन पर आज यानी मंगलवार को सुनवाई की जाएगी। इन सब के इतर कोर्ट द्वारा मौत का फरमान जारी होने के बाद से तिहाड़ जेल निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए सभी तैयारियों को पूरा करने में जुटा हुआ है।
16 दिसंबर, 2012 की रात दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया था। इस दरिंदगी के 10 दिन बाद यानी 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। घटना के नौ महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों क्रमशः राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी।
मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है। जिसके बाद अब इन चार दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा।