नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण किया। इसके बाद अपने संबोधन में मुर्मू ने कहा कि मेरे लिए प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी सपने जैसा था। मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली व्यक्ति थी। मैं जनजातीय समाज से हूं। मुझे वार्ड पार्षद से लेकर राज्यपाल और राष्ट्रपति बनने का मौका मिला। लोकतंत्र की शक्ति ने मुझे यहां तक पहुंचाया है। यह लोकतंत्र की महानता है कि एक गरीब घर में पैदा हुई व्यक्ति सर्वोच्य पद तक पहुंची है। यह मेरी व्यक्तिगत उपलब्धी नहीं है यह प्रत्येक दलित की उपलब्धी है। यह मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि सदियों तक वंचित रहे गरीब और आदिवासी मुझमें अपना प्रतिबिम्ब देख सकते हैं। भारत में गरीब के सपने भी पूरे होते हैं। देखें खास तस्वीरें...