छुट्टी से लौट रहे थे जवान, तभी कार से हुई टक्कर और बस के हो गए थे चीथड़े...ऐसे हुआ था पुलवामा हमला
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले में हमले के एक साल होने वाले हैं। 14 फरवरी 2019 को नेशनल हाईवे पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। हमला जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के अवन्तिपोरा के पास लेथपोरा में हुआ था। जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित इस्लामिक आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। हालांकि, पाकिस्तान ने हमले की निंदा की थी और जिम्मेदारी लेने से इनकार किया था।
Asianet News Hindi | Published : Feb 12, 2020 8:11 AM IST / Updated: Feb 12 2020, 02:15 PM IST
40 जवानों के शवों के ऐसे ही रखा गया था। सोशल मीडिया पर यह तस्वीर खूब वायरल हुई थी।
14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। सीआरपीएफ के लगभग 2,500 जवान 78 गाड़ियों में सवार थे। इसमें ज्यादातर जवान वे थे, जो छुट्टी से वापस ड्यूटी पर लौटे थे।
काफिला जब जम्मू-कश्मीर हाईवे पर अवंतिपोरा इलाके में पहुंचा तो लगभग 3.15 बजे 100 किलो विस्फोटक से भरी कार काफिले में शामिल एक बस से जा टकराई।
टक्कर से इतना जोरदार धमाका हुआ कि बस के चीखड़े उड़ गए। बस में सवार जवान शहीद हो गए।
कार से टकराने के बाद इतना तेज विस्फोट हुआ कि धमाके की आवाज 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी थी। धमाके की आवाज सुनते ही आसपास के बाजारों के लोग दुकानों के शटर डाऊन कर भाग खड़े हुए।
विस्फोटकों से भरी एक कार ने काफिले में चल रही पांचवीं बस को बांयीं ओर से टक्कर मारी थी। इसके साथ ही जोरदार विस्फोट हुआ और दूसरी बस को भी नुकसान पहुंचा।
बताया गया कि कार में सवार जिस आत्मघाती ने इस हमले को अंजाम दिया उसका नाम आदिल था और वो पुलवामा का ही रहने वाला था। 2018 में ही वो जैश ए मोहम्मद संगठन में शामिल हुआ था।