आर्टिकल 370 हटने के बाद घाटी में युवाओं के आतंकी बनने की संख्या में आई कमी, पत्थरबाजी भी हुई कम
श्रीनगर. जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 वापस लेने के बाद घाटी में युवाओं के आतंकी बनने की संख्या में कमी आई है। सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 अगस्त के बाद से अब तक हर महीने 5 युवा ही आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं। इससे पहले यह दर 14 थी। 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला आर्टिकल 370 वापस लिया था। इसी के साथ जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित राज्यों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव भी पास हुआ था। 31 अक्टूबर को दोनों केंद्रशासित राज्य बन गए हैं।
यह रिपोर्ट आर्टिकल 370 हटने के बाद और पहले आतंकी गतिविधियों को लेकर तैयार की गई है।
इसमें बताया गया है कि आतंकियों के जनाजे में सैकड़ों, हजारों लोगों का इकट्ठा होना अब बीते दिन की बात हो गई है।
अब इन जनाजों में सिर्फ आतंकियों के खास रिश्तेदार शामिल होते हैं। मुश्किल से अब यह संख्या सिर्फ दर्जनों में होती है। पहले यह संख्या 10 हजार तक होती थी।
आतंकियों की आखिरी कॉल सामने आना हुआ बंद: अधिकारियों के मुताबिक, मुठभेड़ के वक्त फंसे आतंकियों की अपने परिवार को की गई आखिरी कॉल युवाओं को उकसाती थी।
इन कॉल रिकॉर्डों को जनाजों के वक्त चलाया जाता था और युवाओं को आतंकी संगठनों से जुड़ने के लिए उकसाया जाता था। लेकिन संचार में प्रतिबंध के चलते 5 अगस्त के बाद से ऐसी कोई कॉल सामने नहीं आईं।
पत्थरबाजी में भी आई कमी: रिपोर्ट में कहा गया है कि एनकाउंटर के वक्त और अन्य जगहों पर होने वाली पत्थरबाजी में भी कमी आई है।
इसी के चलते आंसू गैस के गोले और पैलेट गन का इस्तेमाल भी कम हुआ है। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए होने वाली मौतों में भी कमी आई है।
5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला आर्टिकल 370 वापस लिया था। इसी के साथ जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित राज्यों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव भी पास हुआ था। 31 अक्टूबर को दोनों केंद्रशासित राज्य बन गए हैं।