देहरादून(Dehradun). उत्तराखंड के 8वीं सदी के शहर जोशीमठ का अस्तित्व क्या खत्म हो जाएगा? यह सवाल इन दिनों चरम पर है। यहां दरारें धीरे-धीरे बढ़ती जा रही हैं। उत्तराखंड के चीफ सेक्रेट्री ने कहा कि जोशीमठ में अधिक मकानों, इमारतों और सड़कों में दरारें आने से हर मिनट महत्वपूर्ण है। चमोली में डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के एक बुलेटिन में कहा गया है कि धंसने वाले घरों की संख्या बढ़कर 678 हो गई है, जबकि 27 और परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अब तक 82 परिवारों को शहर में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। हालात यह हैं कि राहत और बचाव के प्रयासों के लिए स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स के कर्मियों को तैनात किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (NDRF) की एक टीम भी स्थानीय प्रशासन की सहायता के लिए स्टैंडबाय पर है। इस बीच दरकते भवनों को जमींदोज करने का काम 10 जनवरी शुरू हुआ। सबसे पहले उन होटल्स, घर और भवनों को गिराया जाएगा, जो असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं। इनमें 2 होटल भी हैं। ये हैं लग्जरी होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू। दोनों 5-6 मंजिला होटल हैं। इन्हें गिराने का काम सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) की निगरानी में होगा। SDRF की टीम भी मौके पर है। इधर, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सुप्रीम कोर्ट से अर्जेंट हियरिंग की अपील की थी। कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया है। सुनवाई 16 जनवरी को होगी। देखिए कुछ तस्वीरें और पढ़िए बाकी रिपोर्ट...