14 साल के लड़के ने 3 आतंकियों का किया सामना, खाईं गोलियां ; बिना हार माने बचाई परिवार की जान
नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से मुलाकात की। इन विजेताओं को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 22 जनवरी को पुरस्कृत किया है। सभी विजेता 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल होंगे।
पीएम मोदी ने सभी से मुलाकात के बाद बच्चों की बहादुरी की कहानियों को भी शेयर किया है। जिन बच्चों को पुरस्कार मिला है, उनमें जम्मू कश्मीर के सौम्यदीप जाना भी हैं।
सौम्यदीप का जन्म 18 जून को हुआ। जब 2018 में जम्मू कश्मीर के सुंजुवान मिलिट्री कैंप पर हमला तीन आतंकियों ने हमला किया था। सौम्यदीप उस वक्त अपने क्वार्टर में ही थे। जब आतंकियों ने उनके घर में घुसने की कोशिश की तो उन्होंने साहस के साथ उन आतंकियों का सामना किया।
उन्होंने अपनी मां और बहन की सुरक्षा के लिए अपनी जान तक लगा दी। इस दौरान उन्हें सिर और शरीर पर कईं गोलियां भी लगीं। वे 6 महीने तक कोमा में रहे। उनका अभी भी इलाज चल रहा है। अब उन्हें उनकी बहादुरी के लिए बाल शक्ति पुरस्कार मिला है।
इससे पहले पीएम ने 49 विजेताओं से मुलाकात की। इनमें से जम्मू कश्मीर, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश का एक एक छात्र शामिल है। इन बच्चों को वीरता, कला और संस्कृति, नवीनता, खेल और समाजिक कार्यों में योगदान के लिए पुरस्कार मिला है।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, मैं आप सभी युवा साथियों के ऐसे साहसिक काम के बारे में जब भी सुनता हूं, आपसे बातचीत करता हूं, तो मुझे भी प्रेरणा मिलती है, ऊर्जा मिलती है। उन्होंने कहा, आप अपने समाज के प्रति, राष्ट्र के प्रति अपनी ड्यूटी के लिए जिस प्रकार से जागरूक हैं, ये देखकर गर्व होता है।
पीएम मोदी ने कहा, थोड़ी देर पहले आप सभी का परिचय जब हो रहा था, तो मैं सच में हैरान था। इतनी कम आयु में जिस प्रकार आप सभी ने अलग-अलग क्षेत्रों में जो प्रयास किए, जो काम किया है, वो अदभुत है।
फोटो- प्रधानमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ली गई हैं।