कुख्यात आतंकी मोहम्मद अफज़ल गुरु को भारतीय संसद पर हुए हमले के दोष में 9 फरवरी, 2013 की सुबह दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया था। संसद पर 13 दिसंबर, 2001 को जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा नामक आतंकी गुटों के पांच संगठनों ने हमला किया था। इसमें दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और 2 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। हालांकि बाद में इन सभी आतंकियों को मार गिराया गया था। इस हमले का मास्टरमाइंड अफजल गुरु था। अफजल को 2002 में दिल्ली हाईकोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में इसे यथावत रखा था। गुरु ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के समक्ष भी दया याचिका रखी थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।
एक रिपोर्ट में सामने आया था कि अफजल ने अपने चचेरे भाई शौकत गुरु की मदद से ही दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। लेकिन किसे पता था कि शौकत भी आतंकी बन चुका है। शौकत भी संसद पर हुए हमले का दोषी था। अफजल ने दिल्ली विवि से अर्थशास्त्र से ग्रेजुएशन किया था। मेडिकल की पढ़ाई के दौरान उसने ट्यूशन पढ़ाकर अपना खर्चा चलाया। शौकत और अफजल ने कुछ समय बैंक ऑफ अमरीका में नौकरी भी की।
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कहते हैं कि बचपन में अफजल गुरु काफी होनहार था। उसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होने की बहुत रुचि थी। वो स्वतंत्रता दिवस पर होने वाली परेड को लीड करता था। अफजल ने 1986 में मैट्रिक करने के बाद जम्मू-कश्मीर के सोपोर स्थित मुस्लिम एजुकेशन ट्रस्ट में दाखिला लिया था। यहीं से वो बिगड़ गया। यहां उसकी मुलाकात भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय नवेद हकीम से हुई। हालांकि अफजल ने पढ़ाई अपनी जारी रखी।
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जांच में सामने आया था कि 1990 में अफजल का दोस्त नवेद आतंकी गुट में शामिल हो चुका था। नवेद के ब्रेन बॉश करने पर ही अफजल जम्मू-कश्मीर लिब्रेरशन फ्रंट में शामिल हुआ था। उसने पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में आतंकी ट्रेनिंग ली। फिर भारत आकर आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया।
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दिल्ली में 7 साल रहने के बाद अफजल 1998 में कश्मीर लौट आया था। उसकी शादी तबस्सुम से हुई। तबस्सुम बताती हैं कि शादी से पहले ही उसे मालूम था कि अफजल गलत संगत में है। अफजल को संगीत में गहरी रुचि थी। वो गालिब की शायरी का दीवाना था। उसने अपने बेटे का नाम ही गालिब रख दिया था। अफजल माइकल जैक्सन के गाने भी खूब सुनता था। (यह तस्वीर तब की है, जब अफलज को फांसी पर चढ़ाया गया था)
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अफजल गुरु के बेटे गालिब का 2019 में एक साक्षात्कार आया था। इसमें गालिब ने बताया था कि उसने 10वीं और 12वीं अच्छे नंबरों से पास की है। वो अपने पिता की तरह गलत रास्ते पर चलना नहीं चाहता। हालांकि लोगों ने उसे खूब उकसाया। गालिब और उसकी मां तबस्सुम गुलशननाबाद की पहाड़ियों पर अपने नाना गुलाम मोहम्मद के घर पर रहते हैं।
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अफजल गुरु को जब फांसी पर चढ़ाया जा रहा था, तब उसने अपनी अंतिम इच्छा में कुरान की एक प्रति मांगी थी। जेल प्रशासन ने उसे पूरा किया था। बता दें कि आरोपी को फांसी देने से पहले उसकी अंतिम इच्छा पूछी जाती है। अगर वो संभव हुई, तो पूरा किया जाता है।