SP की ऐसी 6 बातें, जिनपर गुस्सा हुए DGP, डांट लगाने के बाद कहा बेहतर शब्दों का इस्तेमाल करें
लखनऊ. मेरठ के एसपी अखिलेश नारायण सिंह के पाकिस्तान जाने के बयान पर यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी को ऐसे किसी भी शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जिससे किसी की भावनाएं आहत हों। एसपी से मौखिक स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।
Asianet News Hindi | Published : Dec 30, 2019 7:02 AM IST / Updated: Dec 30 2019, 12:49 PM IST
संविधान का सम्मान करना चाहिए : डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि वायरल वीडियो देखने के बाद मैंने अखिलेश नारायण सिंह को डांट लगाई। मैंने उन्हें कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं कहा जाना चाहिए, जिससे किसी की भावनाएं आहत हों या विवाद पैदा हो। हमें संविधान का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया है कि भविष्य में इसका पूरा ख्याल रखेंगे।
वीडियो में क्या कहा गया था : वीडियो मेरठ का है। इसमें मेरठ के एसपी अखिलेश नारायण सिंह कहते दिख रहे हैं कि खाओगे यहां का, गाओगे कहीं और का अगर कुछ हो गया तो तुम लोग कीमत चुकाओगे। हर एक आदमी को जेल में बंद करूंगा। इस दौरान वह पुलिस पर पथराव कर रहे लोगों का पीछा कर रहे थे।
उन्होंने कहा था, एक-एक घर के एक-एक आदमी को जेल में बंद करूंगा मैं'। 'जो काली पट्टी और पीली पट्टी बांध रहे हो, उनको कह दो पाकिस्तान चले जाएं। फ्यूचर काला होने में लगेगा सेकंड भर, देश में नहीं रहने का मन है, चले जाओ भैया'।'खाओगे यहां, गाओगे कहीं और कहा, फोटो ले लिया हूं, बताऊंगा इनको।
यूपी के डिप्टी सीएम ने क्या कहा : एसपी के वायरल वीडियो में कही गई बातों का यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा, एसपी न सभी मुस्लिमों के बारे में यह नहीं कहा था। जो लोग पत्थरबाजी के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे, उन्हें कहा था। जो लोग इस तरह की गतिविधि में शामिल हैं, उनके लिए एसपी सिटी का बयान गलत नहीं है।
मेरठ एसपी के वायरल वीडियो पर एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, 'पथराव किया जा रहा था, भारत-विरोधी और पड़ोसी देश के समर्थन में नारे लगाए जा रहे थे। स्थिति बहुत ही तनावपूर्ण थी। पीएफआई के पर्चे वितरित किए जा रहे थे। सभी अपीलों के बावजूद ये सब हो रहा था, धार्मिक नेता ने भी शांति अपील की।' एडीजी ने कहा, अगर स्थिति सामान्य होती तो शब्दों का चुनाव बेहतर हो सकता था, लेकिन उस दिन स्थिति बेहद खराब थी, हमारे अधिकारियों ने बहुत संयम दिखाया, पुलिस द्वारा कोई गोलीबारी नहीं की गई।
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि जैसे ही यह विडियो सामने आया मैंने अधिकारी से मौखिक स्पष्टीकरण मांगा।