विष्णु, शिव के संयुक्त अवतार से हुआ भगवान अयप्पा का जन्म, जानें सबरीमाला के बारे में 10 बड़े फैक्ट

Published : Nov 14, 2019, 10:18 AM ISTUpdated : Nov 14, 2019, 10:55 AM IST

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सबरीमाला पर अपने फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले को 7 जजों की बड़ी बेंच को भेज दिया। बेंच ने 3:2 के बहुमत से इस पर फैसला किया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि महिलाओं का पूजा स्थलों में प्रवेश सिर्फ इस मंदिर तक सीमित नहीं है, यह मस्जिदों और पारसी मंदिरों पर भी लागू होता है। 28 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने 4:1 के बहुमत से 10-50 साल की महिलाओं को केरल स्थित सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी। इससे पहले 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी, यह परंपरा 800 साल पुरानी थी। कोर्ट ने इस फैसले के खिलाफ 54 पुनर्विचार समेत 64 याचिकाएं दायर की गई थीं। हम इस मौके पर सबरीमाला के बारे में 10 फैक्ट बता रहे हैं।

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विष्णु, शिव के संयुक्त अवतार से हुआ भगवान अयप्पा का जन्म, जानें सबरीमाला के बारे में 10 बड़े फैक्ट
1- सबरीमाला मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी के पहले हुआ था। यहां तभी से 10-50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध था।
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2- सबरीमाला मंदिर पत्तनमतिट्टा जिले के पेरियार टाइगर रिजर्वक्षेत्र में स्थित है। अन्य मंदिरों की तरह सबरीमाला मंदिर पूरी साल नहीं खुला रहता है। सबरीमाला मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा सालाना तीर्थ है। इस मंदिर को त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड चलाता है। यह केरल सरकार के अधीन ही आता है।
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3- सबरीमाला भगवान अयप्पा का मंदिर है। भगवान अयप्पा को मंदिर का सबसे बड़ा देवता माना जाता है। मान्यता है कि भगवान अय्यपा, शिव और विष्णु के स्त्री रूप अवतार मोहिनी के पुत्र हैं।
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4- माना जाता है कि यह मंदिर उस जगह बना है जहां भगवान अयप्पा ने राक्षस महिसासुर की बहन का वध किया था। सबरीमाला मंदिर का नाम रामायण के 'सबरी' के नाम पर पड़ा। इन 18 पहाड़ियों के बीच, जहां मंदिर है वे रहते थे।
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5- मंदिर 18 पड़ाहियों के बीच घिरा है। इसमें 18 पवित्र सीढ़ियां भी हैं। इस मंदिर में एक मस्जिद भी है। इसका नाम मुस्लिम संत वावर के नाम पर पड़ा।
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6- मंदिर में प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं को मन पवित्र करने के लिए 41 दिन का व्रत रखना पड़ता है। इसे व्रथम नाम से जानते हैं।
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7- यह मंदिर सामान्यता 15 नवंबर से 26 दिसंबर तक खुलता है। इसके अलावा यह मंदिर 14 जनवरी, 14 अप्रैल और हर मलयालम महीने के शुरुआती 5 दिन खुलता है।
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8- दर्शन के लिए हर साल यहां 3 से 5 करोड़ लोग आते हैं। 2016 में इस मंदिर में 3.5 करोड़ लोग दर्शन करने पहुंचे थे। यह मंदिर सभी धर्मों के लिए खुला है।
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9- सबरीमाला मंदिर में दो बार भगदड़ जैसी घटनाएं भी हुईं। 1999 में 14 जनवरी को हुई घटना में 53 लोगों की जान चली गई थी। वहीं, 2011 में भी भगदड़ की घटना हुई थी, इसमें 104 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।
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10- सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर 2018 को 10-50 साल की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी थी। लेकिन महिलाओं के प्रवेश के विरोध में महिलाएं भी प्रदर्शनकारियों में शामिल थीं। 2 जनवरी को पहली बार 10-50 की 2 महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश किया था।

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