निर्भया के दोषी की पत्नी ने कहा, पीड़िता को जरूर न्याय मिले, लेकिन मेरा भी घर न उजड़े
नई दिल्ली. निर्भया से गैंगरेप के दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस खबर के बाद उसके घर औरंगाबाद के लहंगकर्मा गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। मां का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी ने कहा कि निर्भया को जरूर न्याय मिला, पर किसी का घर नहीं उजड़े। घरवालों ने कहा कि निर्भया कांड से दुखी हैं लेकिन फांसी की सजा से सहमत नहीं है। अक्षय की पत्नी ने कहा कि मेरा घर उजड़ने से बचा लीजिए।
Asianet News Hindi | Published : Dec 19, 2019 5:11 PM / Updated: Dec 19 2019, 05:34 PM IST
कौन है अक्षय ठाकुर- यह बिहार का रहने वाला है। इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला आया। शादी के बाद ही 2011 में दिल्ली आया था। यहां वह राम सिंह से मिला। घर पर इस पत्नी और एक बच्चा है।
दोषी अक्षय की पत्नी ने क्या कहा? पत्नी ने कहा कि हमें भी जीने का हक है। मेरे पति गलत नहीं थे, संगत में पड़कर गलत किया। अगर वह किसी नेता या अधिकारी के बेटे होते तो फांसी नहीं हेती। "अक्षय का एक सात साल का बेटा है। फांसी होने पर उसके सिर से पिता का साया उठा जाएगा।" पत्नी ने कहा कि निर्भया को जरूर न्याय मिले, लेकिन उनका घर भी नहीं उजड़े।
अक्षय के भाई ने बताया कि निर्भया से गैंगरेप के बाद पुलिस उन्हें भी उठाकर ले गई थी और थाने में रखकर तीन दिनों तक पिटाई की थी। किसी से मिलने नहीं दिया। घटना के बाद गांव में आकर मजदूरी करते हैं।
अक्षय के गांव के लोगों को विश्वास नहीं होता है कि उसने ऐसा काम किया है। रामनगर पंचायत की मुखिया ने बताया, "अक्षय गांव का सबसे सीधा लड़का था। हम लोगों को विश्वास नहीं होता है कि वह ऐसा कर सकता है।"