भारत में सबसे कम कीमत पर लगाए जाते हैं छत पर Solar Project, जल्द बदलने वाली है दुनिया की स्थिति

टेक डेस्क। भारत में विविध जलवायु पाई जाती हैं। देश के अधिकतर इलाकों में ना बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है ना बहुत गरमी।  भारत में बारह महीनों सूर्य के दर्शन होते हैं। बारिश का कुछ समय निकाल दिया जाए तो हमें देश में भरपूर सौर ऊर्जा मिलती है। यही वजह है कि देश में सौर ऊर्जा का उत्पादन सस्ता और सुविधाजनक है।एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सबसे कम लागत पर छत पर लग रही सोलर पैनल लगाकर विद्युत का उत्पादन किया जा सकता है। बस इतने वर्षों में दुनिया में होने लगेगा सौर ऊर्जा से अधिकतर बिजली उत्पादन..

Asianet News Hindi | Published : Oct 17, 2021 6:03 AM IST / Updated: Oct 17 2021, 11:50 AM IST
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भारत में सबसे कम कीमत पर लगाए जाते हैं छत पर Solar Project, जल्द बदलने वाली है दुनिया की स्थिति

देश में इसकी लागत 66 डॉलर प्रति मेगावाट-प्रति घंटा
एक वैश्विक रिपोर्ट  के मुताबिक भारत में छतों पर लगाई जाने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं के मामले में लागत सबसे कम है। इसकी लागत देश में 66 डॉलर प्रति मेगावाट-प्रति घंटा है, वहीं चीन में यह 68 डॉलर प्रति मेगावाट-प्रति घंटा है, चीन दुनिया इस मामले में दूसरे सबसे सस्ता देश है। ( फाइल फोटो)

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कम लागत छतों पर लगाए जा सकते सौर पैनल 
सौर पैनल में बेहद कम लागत छतों पर लगाए जा सकते हैं। घरों और ऑफिस भवनों की छतों पर सौर पैनल जैसी Rooftop Solar Photovoltaic टेक्नालॉजी, इस समय इसका तेजी से उपयग किया जा रहा है। एक रिसर्च के मुतबिक, एक अनुमान है कि  RTSPV से 2050 तक वैश्विक मांग का 49 प्रतिशत तक पूरा किया जाने लगेगा। ( फाइल फोटो)

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2,500 मेगावाट से बढ़कर 2,13,000 मेगावाट हुई क्षमता
बीते 10 सालों में, नीति केंद्रित पहल के साथ-साथ Project स्थापित करने की कॉस्ट में भारी गिरावट से वैश्विक स्तर पर आरटीएसपीवी के इस्तेमाल में जबरदस्त तेजी आई है। 2006 और 2018 के बीच, RTSPV की स्थापित क्षमता 2,500 मेगावाट से बढ़कर 2,13,000 मेगावाट पहुंच गई है।( फाइल फोटो)

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आयरलैंड में रिसर्च कर रहे वैज्ञानिक ने तैयार की रिपोर्ट
एक रिसर्च रिपोर्ट अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और विश्वविद्यालय के पर्यावरण तथा ऊर्जा के लिये वैश्विक केंद्र के निदेशक प्रियदर्शी शुक्ल, लंदन स्थित इम्पीरियल कॉलेज की शिविका मित्तल और कोलंबिया विश्वविद्यालय से जेम्स ग्लिन ने तैयार की है। इस रिसर्च टीम के लीडर आयरलैंड स्थित ऊर्जा, पर्यावरण और समुद्र के लिये प्रमुख शोध केंद्र MAREI के रिसर्चर सिद्धार्थ जोशी हैं। ( फाइल फोटो)

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रिसर्च रिपोर्ट में दावा 
रिसर्च रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्ल्ड लेवल पर सौर ऊर्जा की टोटल कैपिसिटी में रुट टॉफ सोलर प्रोज्क्ट की हिस्सेदारी 40 फीसदी है। छतों पर सोलर एनर्जी प्रोडक्शन के लिए जहां भारत प्रति मेगावाट-घंटा 66 डॉलर, चीन में प्रति मेगावाट-घंटा, 68 डॉलर प्रति मेगावाट-घंटा है। अमेरिका 238 डॉलर  प्रति मेगावाट-घंटा वहीं ब्रिटेन में यह 251 डॉलर प्रति मेगावाट-घंटा है।( फाइल फोटो)
 

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