क्या छोटे बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है ये वायरस? जानें कोविड का नया रूप कैसे है खतरनाक

कोरोना महामारी एक बार फिर से दुनियाभर में अपने तेजी से पैर पसार रही है। इस खतरनाक बीमारी से 15 अप्रैल की रिपोर्ट के अनुसार 24 घंटे में 17 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। इस बीमारी चपेट में बुजुर्ग, युवा और बच्चे ही नहीं बल्कि नवजात भी आ रहे हैं। बच्चों में तेज बुखार और निमोनिया जैसे लक्षण देखने के लिए मिल रहे हैं। इसी वजह से डॉक्टर्स को उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है।
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 16, 2021 8:45 AM IST / Updated: Apr 16 2021, 03:10 PM IST
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क्या छोटे बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है ये वायरस? जानें कोविड का नया रूप कैसे है खतरनाक

थोड़े नाजुक हैं हालात   

जब भारत में कोरोना की शुरुआत हुई थी तब उससे बच्चों के लिए ज्यादा खतरा नहीं था और बच्चों में इसके गंभीर लक्षण नहीं पाए जा रहे थे। हालांकि, इस बार हालात थोड़े नाजुक और बदले हुए से नजर आ रहे हैं। ऐसे में सरकारी अस्पताल लोक नायक के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार की मानें तो इस हॉस्पिटल में 8 ऐसे बच्चे एडमिट हैं, जिनमें कोरोना के गंभीर लक्षण देखने के लिए मिले हैं। 
 

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दिख रहे हैं ऐसे लक्षण 

कहा जा रहा है कि इनमें एक बच्चा 8 महीने का है। जबकि, बाकी के बच्चों की उम्र 12 साल से भी कम की है। इन सभी बच्चों में डिहाइ़ड्रेशन, तेज बुखार, निमोनिया और स्वाद में कमी जैसे लक्षण बताए जा रहे हैं। वहीं, बताया जा रहा है कि सर गंगा राम अस्पताल में भी कोरोना पॉजिटिव बच्चे एडमिट हैं। 

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आ रहे हर दिन 20-30 फोन

डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चों के कोरोना होने के हर दिन 20-30 फोन आ रहे हैं और लोग वीडियो कंसल्टेशन के लिए भी संपर्क कर रहे हैं। 

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बच्चों के लिए नहीं है अलग से वार्ड

वहीं, फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों की मानें तो वयस्कों की तुलना में कोरोना से संक्रमित बच्चों का इलाज में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि कोरोना से संक्रमित बच्चों के लिए कोई अलग वार्ड नहीं है क्योंकि पिछले साल बच्चों के इतने मामले सामने नहीं आए थे, जितने की अब सामने आ रहे हैं। 

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इलाज के लिए कफ और बुखार की दवाएं दी जा रही है

डॉक्टर ने ये भी कहा कि 'बच्चों को रेमडेसिविर जैसी जैसी एंटी-वायरल दवाएं या स्टेरॉयड नहीं दिया जा सकता है। वो बच्चों का इलाज कफ और बुखार की दवाएं देकर कर रहे हैं।'

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बच्चों में हो चुका है वायरस का म्यूटेशन

डॉक्टर्स का कहना ये भी है कि बच्चों में कोरोना के लक्षण दिखने से ये साफ पता चलता है कि वायरस का म्यूटेशन हो चुका है। इसके अलावा कई गंभीर मामलों में बच्चों की मौत की खबर भी आ रही है। 

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बच्चों को हो रहे हैं मल्टी-इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम

डॉक्टर्स ने जानकारी दी कि कोविड-19 गंभीर होने पर मल्टी-इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS) भी बच्चों में हो रहा है, जिसके चलते कुछ बच्चों की मौत हुई है। इस सिंड्रोम में बुखार के साथ फेफड़ा, दिस और दिमाग में गंभीर सूजन हो जाती है। इसकी वजह से कुछ बच्चों को दौरे भी पड़ रहे हैं। 

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कोरोना के लक्षण 

अगर कोरोना के लक्षण की बात की जाए तो कोल्ड, सिर दर्द, कफ और बुखार जैसे कोरोना के आम लक्षणों के अलावा स्किन रैशेज, कोविड टोज, जोड़ों का दर्द, लाल आंखें और शरीर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी दिक्कतें, मिचली, पेट में ऐंठन, थकान और सुस्ती जैसे लक्षणों को बिल्कुल नजरअंदाज ना करें।   

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कैसे बरतें सावधानियां

कोरोना से बचने के लिए आपको सावधानियां बरतनी चाहिए। बच्चों को भी मास्क पहनाएं। घर से बाहर खेलने ना भेजें। इसी तरह स्विमिंग क्लासेज या शॉपिंग मॉल और किसी फंक्शन में भी उन्हें ले जाने से बचना चाहिए। इसके साथ ही युवाओं को भी स्टेडियम और जिम जाने से भी बचना चाहिए। बताया जा रहा है कि इन सारी जगहों पर कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 

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