Published : Jul 12, 2021, 04:42 PM ISTUpdated : Jul 12, 2021, 05:38 PM IST
नई दिल्ली. पृथ्वी पर एक बड़ा संकट आ सकता है। दरअसल, 24 से 48 घंटे के अंदर सूरज से निकली गर्म और तेज तूफान की लहर पृथ्वी को हिट कर सकती है। इससे उपग्रह, जीपीएस नेविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटेलाइट टीवी प्रभावित होने की उम्मीद है। इन फ्लेयर्स (गर्म तेज तूफान) में दुनिया के कुछ हिस्सों में पावर ग्रिड को प्रभावित करने की भी क्षमता है। सौर तूफान से पृथ्वी को क्या खतरा है...
दरअसल, 3 जुलाई को सूरज के दक्षिणी हिस्से में एक बड़ा विस्फोट देखा गया था। यहीं से सोलर फ्लेयर्स यानी गर्म तूफान धरती की तरफ बढ़ना शुरू हुआ। ये 12 से 14 जुलाई के बीच किसी भी वक्त पृथ्वी पर कुछ देर के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।
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नासा ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि पृथ्वी के तरफ ये सौर तूफान 16 लाख किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आ रहा है। जैसे ही ये तूफान पृथ्वी के चुबकीय क्षेत्र में आएगा, वैसे ही ये सैटेलाइट सिग्नल को रोकेगा। जीपीएस, टीवी, मोबाइल भी प्रभावित हो सकते हैं।
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इस सौर तूफान से कुछ देशों में बिजली सप्लाई भी बाधित हो सकती है। वहीं जीपीएस के सहारे चलने वाले विमानों पर भी असर पड़ सकता है।
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एक्सपर्ट्स को इस बात का भी डर है कि ये तेज तेज हवाएं पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर में एक जियोमैग्नेटिक स्ट्रॉम (भू-चुंबकीय तूफान) को ट्रिगर कर सकती हैं।
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नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के अनुसार, तूफान सौर हवाओं से पैदा हुई करंट और प्लाज़्मा में बड़े बदलाव का परिणाम है। हालांकि, एक जियोमैग्नेटिक स्ट्रॉम बनाने के लिए, सौर हवा को लंबे समय तक हाई स्पीड बनाए रखनी होती है।
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मार्च 1989 में धरती पर सौर तूफान ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी। तब कनाडा के हाइड्रो-क्यूबेक इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन सिस्टम 9 घंटे के लिए ब्लैक आउट हो गया था। इसके बाद साल 1991में सौर तूफान की वजह से आधे अमेरिका में बिजली गुल हो गई थी।