ट्रेंडिंग न्यूज. पूरी दुनिया में करीब 100 से अधिक ऐसी जनजातियां पाई जाती हैं, जिनका बाहरी लोगों से कोई मतलब नहीं होता। ये असंबद्ध यानी किसी के भी संपर्क में नहीं रहने वाले समुदाय या स्वदेशी लोगों(Uncontacted peoples-indigenous peoples) के समूह हैं, जो अपने ही पड़ोसी समुदायों(neighbouring communities) और विश्व समुदाय के साथ निरंतर संपर्क के बिना पूरी जिंदगी गुजार देते हैं। आपने आइसोलेशन शब्द कोरोनाकाल में अधिक सुना होगा, लेकिन ये लोग सदियों से ऐसा जीवन गुजर-बसर कर रहे हैं। मतलब स्वैच्छिक अलगाव(voluntary isolation) में रहते हैं। ऐसी अनकॉन्टेक्ड ट्राइब्स की संख्या का सटीक अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यूनाइटेड नेशन में ह्यूमन राइट्स पर काम करने वाले इंटर-अमेरिकन कमिशन और एक NGO ग्रुप सर्वाइवल इंटरनेशनल(Survival International) का अनुमान है कि दुनिया में 100 और 200 जनजातियों का पता चलता है। इनकी आबादी बमुश्किल 10,000 के आसपास होगी। ऐसी अधिकांश जनजातियां दक्षिण अमेरिका(विशेष रूप से ब्राज़ील) में रहती हैं। ब्राज़ील सरकार और नेशनल ज्योग्राफिक का अनुमान है कि 77 से 84 के बीच ऐसी जनजातियां यहां पाई जाती हैं। अफ्रीका-भारत, इंडोनेशिया आदि में भी ऐसी कुछ जनजातियां हैं। इनकी जीवनशैली, खान-पान और परंपराएं बाकी दुनिया के लिए किसी हैरत से कम नहीं हैं। ऐसी ही एक जनजाति हमर(Hamer or Hamar) है। पढ़ते हैं इससे जुड़े दिलचस्प रिवाज..