कोलंबो। श्रीलंका में जिस बात का डर था, वही हुआ। हालात सुधरने की राह तकते-तकते जनता की आंखें पथरा गईं। जब उम्मीद पूरी खत्म हो गई तो गुस्सा फट पड़ा। देश की करीब सवा दो करोड़ जनता यह मान रही है कि इस बुरे हालात के जिम्मेदार वे 226 लोग हैं, जिन्हें गद्दी पर बिठाया गया और उनके तथा देश हित में फैसले लेने की पूरी छूट दी गई थी। हालात नहीं सुधरे तो जनता ने उन्हें सबक सिखाने की ठान ली और अब देश के राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक चोरों की तरह छिपते फिर रहे हैं। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे सरकारी आवास छोड़कर फरार हो गए और प्रदर्शनकारी आवास में कब्जा करके स्विमिंग पूल में मस्ती कर रहे हैं। जबकि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को प्रदर्शनकारियों के गुस्से से बचाने के लिए सुरक्षाकर्मी किसी सुरक्षित जगह ले गए हैं। आइए तस्वीरों के जरिए श्रीलंका के हालात पर नजर डालते हैं।