TV की सीता ने मां बनने के लिए किया 5 साल तक संघर्ष, लाखों रुपए खर्च किए तब कहीं हुआ बेटी का जन्म

एंटरटेनमेंट डेस्क. सीरियल 'रामायण' में सीता और 'चिड़ियाघर' में मयूरी जैसे रोल कर पॉपुलर हुईं देबिना बनर्जी इसी साल अप्रैल में IVF तकनीक से बेटी लियाना की मां बनीं। लेकिन उनकी मानें तो मां बनने के लिए न केवल उन्हें 5 साल तक कड़ा  संघर्ष करना पड़ा, बल्कि उन्होंने इसके लिए लाखों रुपए भी खर्च किए हैं। नीचे स्लाइड्स में जानिए, कैसा था देबिना का संघर्ष और कितने लाख रुपए हुए उनके खर्च...

Gagan Gurjar | Published : Jun 12, 2022 11:04 AM IST
110
TV की सीता ने मां बनने के लिए किया 5 साल तक संघर्ष, लाखों रुपए खर्च किए तब कहीं हुआ बेटी का जन्म

देबिना ने अपने ताजा व्लॉग में बताया है कि मां बनने के लिए उन्हें क्या-क्या करना पड़ा और IVF ट्रीटमेंट का उनका खर्च कितना आया था। उनके मुताबिक़, 2017 में उन्होंने और उनके पति गुरमीत चौधरी ने इस ट्रीटमेंट की प्रोसेस शुरू कर दी थी। 

210

उनके मुताबिक़, इन पांच सालों में उन्हें काफी कुछ देखना पड़ा। वे कहती हैं, "जब मेरा बजन बढ़ गया था तो लोग पूछते थे, 'कोई गुड न्यूज है क्या?' कभी कुछ लोग चुटीले अंदाज में पूछते थे, 'क्या हुआ। अब तुम्हारी बारी है।' ये सब सुनकर दिल दुखता था और बेचैनी होती थी। इसलिए मैंने 2017 में अपना ट्रीटमेंट शुरू किया।"
 

310

देबिना कहती हैं, "शुरुआत में डॉक्टर्स ने मुझे IUI (इंट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन) की सलाह दी। यह बहुत इनवेसिव प्रोसेस नहीं थी। फर्टाइल डेज काउंट किए गए और उनके अनुसार डॉक्टर्स ने मुझे कुछ इंजेक्शन दिए। मेरे पति के सीमेन का एनालिसिस भी किया गया। यह कारगर साबित नहीं हुआ। मैंने इसे पांच बार ट्राय किया, लेकिन यह फेल रहा।अगला बेहतर विकल्प IVF था।"

410

वे कहती हैं, "IVF के दौरान मुझे असली समस्या का पता चला। मुझे एंडोमेट्रियोसिस और एडिनोमायोसिस था। आगे के ट्रीटमेंट के पहले डॉक्टर ने मेरी हिस्टेरोस्कोपी की, जो छोटी सी सर्जरी होती है। मेरा यूट्रस फंस गया था, जिसे ऑपरेशन से ठीक किया गया। इसका खर्च 75 हजार से एक लाख रुपए तक आता है, जो अस्पताल पर निर्भर करता है।"

510

देबिना कहती हैं, "IVF ट्रीटमेंट को दो पार्ट में बांटा गया। एग्स का एक्सट्रैक्शन और फिर फ़र्टिलाइज्ड एग्स को फिर से वापस डालना।"

610

उन्होंने आगे कहा, "पहली प्रोसेस थोड़ी सी दर्द भरी और थकाऊ है। एग्स एक्सट्रैक्शन प्रोसेस टाइम लेती है। यह एक बार में पूरी नहीं की जा सकती। मुझे तीन बार इस प्रोसेस से गुजरना पड़ा था और हर प्रोसेस की कीमत लगभग 1.50 रुपए थी।"

710

देबिना बताती हैं, "इस प्रोसेस में इंजेक्शन के कारण जो अंडे बने थे, वे काफी मात्रा में थे। लेकिन जब उन्हें निकाला गया तो वे सिर्फ तीन ही थे। वह भी बेहद धीमी गति से चलने वाले भ्रूण थे। ऐसा कहा जाता है कि इंजेक्शन के बाद वजन बढ़ जाता है। लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ। मेरा वजन सामान्य ही रहा।"

810

देबिना बताती हैं कि  पांच साल तक इस प्रोसेस से गुजरना मजाक नहीं है। वे कहती हैं , "जब हर महीने आपको न में जवाब मिलता है तो आपको निराशा होती है। लेकिन प्रोसेस के दौरान आप शांत रहें, उम्मीद न छोड़ें। पॉजिटिव रहने के लिए मैंने कई किताबें पढ़ीं। इनमें भगवद गीता, इकिगई और प्रसिद्ध लेखकों की अन्य किताबें शामिल हैं। आप ऑडियो किताबें भी सुन सकते हैं।"
 

910

देबिना कहती हैं कि IVF की पूरी प्रक्रिया भगवान के हाथ में होती है। उन्होंने दो बार भ्रूण स्थानांतरण कराने की कोशिश की थी, लेकिन वे इसमें असफल रहीं। उनके मुताबिक़, एक बार के भ्रूण स्थानांतरण का खर्च तकरीबन 30 हजार रुपए आता और यह अस्पताल पर भी निर्भर करता है।
 

1010

उनके मुताबिक़, जब वे प्रेग्नेंसी कंसीव नहीं कर पाईं तो उन्होंने हार मानने की बजाय कोशिश जारी रखी और आज IVF की मदद से ही सही, वे एक बेटी की मां बन चुकी हैं। गुरमीत और देबिना को अपना परिवार बढ़ाने में लगभग 11 साल का वक्त लग गया। उनकी शादी 2011 में हुई थी।

और पढ़ें...

नयनतारा और विग्नेश ने शादी के तुरंत बाद की एक बड़ी गलती, अब बोले- हमें माफ़ कर दो

मॉल की पार्किंग में मिली 19 साल के टिकटॉक स्टार की लाश, कुछ घंटे पहले ही मौत को लेकर लिखी थी यह बात

7 साल के सबसे बुरे दौर में अक्षय कुमार, रिपोर्ट कार्ड में देखें 2021 तक कैसे रहे बॉक्स ऑफिस के खिलाड़ी

रोते-रोते पुलिस थाने पहुंचीं राखी सावंत, बोलीं- वह मेरी जिंदगी बर्बाद करना चाहता है

 

Read more Photos on
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos