समुद्र में कैसे तैराए गए थे राम नाम लिखे पत्थर? 'लक्ष्मण' ने सुनाया शूटिंग का मजेदार किस्सा

मुंबई. लॉकडाउन और कोरोना काल में 'रामायण' और 'महाभारत' जैसे टीवी शोज ने चैनल्स को अच्छी टीआरपी दी। इस बीच लोगों की डिमांड पर सरकार ने फिर से रामायण का दूरदर्शन पर री-टेलीकास्ट किया गया। ऐसे में शो के साथ ही इसमें काम करने वाले लीड एक्टर्स भी चर्चा में आ गए थे। रामायण में लक्ष्मण का रोल प्ले करने वाले सुनील लहरी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं और वो इससे जुड़े कई किस्से शेयर कर रहे हैं। अब उन्होंने समुद्र में तैराए गए राम नाम लिखे पत्थर के बारे में बताया है।  

Asianet News Hindi | Published : Jun 12, 2020 8:32 AM IST

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समुद्र में कैसे तैराए गए थे राम नाम लिखे पत्थर? 'लक्ष्मण' ने सुनाया शूटिंग का मजेदार किस्सा

रामानंद सागर की 'रामायण' में लक्ष्‍मण की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी ने शो की शूटिंग से जुड़ा राम सेतु को लेकर मजेदार किस्‍सा शेयर करते हुए बताया कि कैसे राम सेतु का सीन शूट हुआ था और कैसे 'राम' लिखे पत्‍थर पानी पर तैरने लगे थे।

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टीवी पर 'राम सेतु' वाले एपिसोड के टेलिकास्‍ट से पहले ही सुनील लहरी ने इसकी शूटिंग का किस्‍सा सुनाया है। उन्‍होंने ट्विटर पर शुक्रवार सुबह एक वीडियो शेयर किया। खास बात यह रही कि वीडियो में उन्‍होंने जो शर्ट पहनी है वो भी 'रामायण' सीरियल जितनी ही पुरानी है। यानी 33 साल पुरानी शर्ट।
 

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सुनील बताते हैं कि राम सेतु के सीन की शूटिंग के लिए रामानंद सागर ने चार कैमरे लगाए थे। तब तकनीक आज जितनी उन्‍नत नहीं थी, इसलिए ऐसे सीन को शूट करना मुश्‍कि‍ल काम था। सुनील बताते हैं कि जहां शूटिंग होनी थी वहां कोई पुल नहीं बना था बल्कि एक डेढ़ फीट का मिनिएचर बनाया गया था, जिसमें लकड़ी की प्‍लेट के ऊपर छोटे-छोटे पत्‍थर चिपकाए गए थे।

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सुनील बताते हैं कि शूट के दौरान एक कैमरे को ऐसे फ‍िट गया गया था कि यह डेढ़ फीट का मिनिएचर भी बहुत बड़ा दिखने लगा था। एक दूसरा कैमरा था, जिसकी मदद से एक प्‍लेट में पानी डालकर उसे समुद्र जैसा दिखाया गया। तीसरे कैमरा के सहारे से 'राम-लक्ष्‍मण' और उनकी सेना को नीले वर्चुअल पर्दे के आगे चलते हुए शूट किया गया था। चौथे कैमरे का योगदान सबसे बड़ा था। यह कैमरा पत्‍थरों पर फोकस था।

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इस पूरी कवायद के बीच सबसे बड़ी समस्‍या थी कि पत्‍थरों को पानी पर तैराया कैसे जाए। कुछ बड़े पत्‍थर वहां सेट पर मंगवाए गए थे, लेकिन वो पानी में डालते ही जाहिर तौर पर डूब जाते थे। ऐसे में रामानंद सागर ने एक्रेलिक के कुछ पत्‍थर बनवाए थे और उन पर 'राम' लिखवाया था। एक्रेलिक के ये पत्‍थर पानी में डूबते नहीं थे। इस तरह चार कैमरों से अलग-अलग फ्रेम में यह सीन शूट हुआ और फिर इसे बाद में मिक्‍स क‍िया गया।

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सुनील लहरी बताते हैं कि जब सभी लोगों ने चारों कैमरे के मिक्‍स रिजल्‍ट देखे तो सभी हैरान रह गए। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि ये चार कैमरों की रिकॉर्डिंग है और बिना क‍िसी बड़े पुल के यह पूरा सीन शूट हुआ है।
 

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