लक्ष्मण ने बताया आखिर कैसे शूट हुआ था अशोक वाटिका वाला सीन, मंगवानी पड़ी थी एक खास चीज

मुंबई। रामानंद सागर की रामायण में लक्ष्मण के किरदार से पॉपुलर हुए एक्टर सुनील लहरी इन दिनों रामायण की शूटिंग से जुड़े मजेदार किस्से शेयर कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने बताया कि 34 साल पहले किस तरह विजुअल इफेक्ट्स की मदद से रामायण की शूटिंग की हुई थी। इस दौरान सुनील ने शूटिंग की कुछ बिहाइंड द सीन फोटो भी शेयर की हैं, जिनमें ब्लू बैकग्राउंड पर रामायण की शूटिंग होती नजर आ रही है। बाद में क्रोमा तकनीक की मदद से सीन को वास्तविक बना दिया जाता था। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 6, 2020 1:57 PM IST / Updated: Jun 08 2020, 05:25 PM IST

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लक्ष्मण ने बताया आखिर कैसे शूट हुआ था अशोक वाटिका वाला सीन, मंगवानी पड़ी थी एक खास चीज

फोटो शेयर करते हुए सुनील लहरी ने लिखा, रामायण क्रोमा इफेक्ट। सुनील ने लंका में अशोक वाटिका की शूटिंग के दौरान का किस्सा भी शेयर किया। सुनील ने बताया कि हनुमान जी जब अशोक वाटिका के उस हिस्से में जाते हैं, जहां फल लगे हुए हैं तो वो किस तरह फल तोड़ रहे हैं और साथ ही पेड़ों को उखाड़ रहे हैं।

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सुनील के मुताबिक, उस सीक्वेंस के लिए स्पेशली अलग-अलग फ्रूट्स के पेड़ मंगाए गए थे। क्योंकि एक ही मिट्टी में केला, अमरूद और सेब नहीं हो सकता। इसलिए असली पेड़ मंगाकर उन पर फल लगाए गए थे और उन्हें हनुमान जी तोड़-तोड़कर खाते हैं। 

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जब हनुमान जी ये सीन कर रहे थे तो उस वक्त लंका के कुछ सैनिक आ जाते हैं और वो उनके गले में रस्सी डाल देते हैं और रस्सी डालकर उन्हें खींचने की कोशिश करते हैं। इस दौरान वो रस्सी बार-बार उनके मुकुट में फंस जाती थी और कई बार तो उनका मुकुट भी गिर गया था। 
 

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सुनील लहरी के मुताबिक, ये पूरा शॉट क्रोमा में करना था। इस शॉट में हनुमान जी बार-बार ऊपर जाते हैं और नीचे आते हैं। तो ये सब करना रस्सी के साथ में थोड़ा मुश्किल था। इसके लिए फिर एक स्पेशल क्रेन मंगाई गई और क्रेन को भी ब्लू किया गया था। इसके बाद उस पर एक प्लेटफार्म बनाया गया और उस पर दारा सिंह जी को बैठाया गया। 

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अब चूंकि दारा सिंह पहलवान थे तो उनका वजन भी अच्छा खासा था। ऐसे में क्रेन के दूसरी साइड में तीन-चार आदमियों को रखा गया ताकि वो पलटे नहीं। इस तरह ऊपर-नीचे करके फिर उस शॉट को पूरा किया गया। आप लोगों ने गौर किया होगा कि हनुमान जी के गले में जो रस्सी बांधी थी वो भी ऊपर-नीचे हो रही है। 
 

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बता दें कि इससे पहले सुनील लहरी ने उस दौरान का किस्सा भी बताया था, जब हनुमान जी का सीक्वेंस ज्यादा शूट होना था। इस दौरान विजुअल इफेक्ट्स की वजह से शूटिंग में ज्यादा वक्त लग रहा था तो मैं खाली समय का फायदा उठाकर रामलीला देखने दिल्ली आ गया। इस दौरान भीड़ उनसे मिलने और ऑटोग्राफ लेने के लिए टूट पड़ी। इस दौरान मेरा कुर्ता भी फट गया था। 
 

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क्रोमा और विजुअल इफेक्ट के जरिए रामायण की शूटिंग का सीन।

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ब्लू क्रोमा में कुछ इस तरह शूट किए जाते थे रामायण के स्पेशल सीन।

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