कभी रेस्त्रां में फर्श साफ करतीं थीं स्मृति ईरानी, अपनी ही दोस्त के पति को दे बैठी थी दिल
मुंबई. छोटे पर्दे की बहू से लेकर राजनीति में केंद्रीय मंत्री पद तक का सफर तय करने वाली स्मृति ईरानी का 44 साल की हो गई हैं। उनका जन्म 23 मार्च, 1976 दिल्ली में हुआ था। स्मृति ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखें लेकिन कभी हार नहीं मानी। मॉडलिंग, एक्टिंग से लेकर केंद्रीय मंत्री बनने तक का सफर उनका काफी दिलचस्प रहा है। फिलहाल स्मृति एक्टिंग की दुनिया से दूर है और राजनीति में सक्रिय है।
Asianet News Hindi | Published : Mar 23, 2020 8:06 AM IST / Updated: Mar 27 2020, 10:09 AM IST
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने करियर को लेकर कई सपने देखे थे। उन्होंने सफलता हासिल करने के लिए क्या कुछ नहीं किया। 1998 में फेमिना मिस इंडिया में भाग लिया, लेकिन सफल नहीं हो पाईं। आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने एक फास्ट फूड चेन में फर्श साफ करने की नौकरी भी की। ये बात वे खुद कई बार इंटरव्यूज में बता चुकी हैं। हालांकि, बाद में उन्हें टीवी शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में तुलसी का रोल मिला। इसके बाद वे फेमस हुईं और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
1998 में स्मृति ने मिस इंडिया पेजेंट में हिस्सा लिया और फाइनलिस्ट में अपनी जगह बनाई। यही वह साल था, जब वे मीका सिंह के एल्बम 'सावन में लग गई आग' के सॉन्ग 'बोलियां' में परफॉर्म करती नजर आईं।
स्मृति ईरानी तीन बहनों में सबसे बड़ी हैं। वे बचपन से ही आरएसएस की सदस्य हैं। दरअसल, उनके दादा संघ के कार्यकर्ता थे और उनकी मां उस समय जन संघ (अब भारतीय जनता पार्टी) की सदस्य थीं। स्मृति ने होली चाइल्ड ऑक्जिलियम स्कूल से 12 क्लास तक पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने स्कूल ऑफ लर्निंग (पत्राचार), दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया लिया था।
2000 में स्मृति ने सीरियल 'आतिश' और 'हम हैं कल आज और कल' से छोटे परदे पर एंट्री ली। हालांकि, उन्हें पहचान एकता कपूर के शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' से मिली। इस सीरियल में उनके द्वारा निभाया गया तुलसी का किरदार काफी पसंद किया गया और वे घर-घर में इसी नाम से एक आदर्श बहू के रूप में जानी जाने लगी।
स्मृति ने एक इंटरव्यू में बताया था, 'मैं 20 साल तक टीवी से जुड़ी रही। इसने मुझे इंडियन पॉलिटिक्स में आने का प्लेटफॉर्म दिया और मैं इसके लिए हमेशा टीवी की आभारी रहूंगी। इसके अलावा, एकता कपूर ने मुझे बहुत सपोर्ट किया है। कई लड़कियों के साथ जब मैं उनके यहां ऑडिशन देने गई थी तो मैं टीवी के लिए फिट नहीं थी। टीम के रिजेक्ट करने के बावजूद एकता ने मुझे शो के लिए सेलेक्ट किया। 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के लिए स्मृति को पांच इंडियन टेलीविजन एकेडमी अवॉर्ड्स, चार इंडियन टेली अवॉर्ड्स और आठ स्टार परिवार अवॉर्ड्स मिले थे।
स्मृति ने 2001 में पौराणिक सीरियल 'रामायण' में सीता का किरदार भी निभाया। इसके अलावा उन्होंने 'विरुद्ध' (2007-2008), 'तीन बहूरानियां' (2007-2008) और 'एक थी नायिका' (2013) जैसे कई सीरियल्स में भी काम किया है।
2003 में स्मृति ईरानी ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की। इसके अगले साल ही उन्हें महाराष्ट्र की यूथ विंग का वाइस प्रेसिडेंट बना दिया गया। 2004 में उन्होंने चांदनी चौक, दिल्ली से कांग्रेस के कपिल सिब्बल के खिलाफ आम चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गईं। हालांकि, पार्टी में उनके हार्ड वर्क को सराहना मिलती रही। 2010 में स्मृति बीजेपी की राष्ट्रिय सचिव और महिला विंग की अध्यक्ष बनीं। 2014 में बीजेपी ने उन्हें राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से आम चुनाव में उतारा। इस बार भी वे जीतने में असफल रहीं। स्मृति इस वक्त मोदी सरकार में कपड़ा, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय संभाल रही हैं।
स्मृति ईरानी ने 2001 में पारसी एंटरप्रेन्योर जुबिन ईरानी से शादी की। इसी साल उन्होंने बेटे जोहर को जन्म दिया। दो साल बाद सितंबर 2003 में स्मृति बेटी जोइश का मां बनीं। स्मृति की एक सौतेली बेटी शानेल है। जो कि जुबिन की पहली पत्नी मोना की बेटी हैं। बता दें कि स्मृति के पति जुबिन पहले उनकी सबसे अच्छी दोस्त के पति थे। स्मृति का दिल जुबिन पर आ गया और जुबिन ने पत्नी मोना को तलाक देकर स्मृति से शादी कर ली।