स्मृति ईरानी ने बेटे के साथ शेयर की पुरानी फोटो, बेस्ट फ्रेंड एकता कपूर ने किया ये कमेंट
मुंबई। टीवी एक्ट्रेस से पॉलिटिशियन बनीं स्मृति ईरानी सोशल मीडिया पर अक्सर कुछ न कुछ शेयर करती हैं। हाल ही में उन्होंने एक पुरानी फोटो शेयर की है, जिसमें वो अपने बेटे के साथ नजर आ रही हैं। फोटो देखकर ऐसा लग रहा है मानो मां-बेटे ने रंगों से खेलने के बाद ये तस्वीर खिंचाई है। फोटो के साथ स्मृति ईरानी ने कैप्शन में लिखा- मेरे प्यारे जोहर ईरानी, आई लव यू टू माय बेबी। बता दें कि स्मृति ने फोटो के साथ एक ग्रीटिंग कार्ड की तस्वीर शेयर की। ये कार्ड काफी पुराना है और ऐसा लगता है कि उनके बेटे ने ही उन्हें दिया है।
Asianet News Hindi | Published : Feb 2, 2020 3:14 PM IST / Updated: Feb 03 2020, 12:36 PM IST
सोशल मीडिया पर मां-बेटे की इस प्यार भरी तस्वीर को काफी पसंद किया जा रहा है। इस पुरानी फोटो के साथ ही शेयर की गई एक और फोटो में लोग जोहर द्वारा बनाए गए ग्रीटिंग की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
स्मृति ईरानी की बेस्ट फ्रेंड एकता कपूर ने भी फोटो पर कमेंट किया है। एकता ने लिखा- Lovee him. बता दें कि एकता कपूर और स्मृति ईरानी काफी अच्छी बॉन्डिंग शेयर करती हैं। कुछ दिनों पहले ही सरकार ने एकता कपूर को पद्मश्री सम्मान देने का ऐलान किया है।
2001 में स्मृति ईरानी ने पारसी बिजनेसमैन जुबिन ईरानी से शादी की। उनके बेटे जोहर का जन्म 2001 में उस वक्त हुआ था, जब वो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' की शूटिंग कर रही थीं। इसके दो साल बाद 2003 में स्मृति बेटी जोइश की मां बनीं।
स्मृति ईरानी की एक सौतेली बेटी भी है। दरअसल, जुबिन ने स्मृति से पहले मोना ईरानी से शादी की थी। मोना से उन्हें शनेल नाम की बेटी है, जो अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रही है।
1998 में उन्होंने मिस इंडिया के लिए ऑडिशन दिया और सिलेक्ट हो गईं, लेकिन पिता ने कॉन्टेस्ट में भाग लेने से मना कर दिया। आखिर में मां ने साथ दिया। मां ने किसी तरह पैसों का इंतजाम करके स्मृति को दिया। स्मृति कॉन्टेस्ट में फाइनल तक पहुंचीं, लेकिन जीत नहीं पाईं।
स्मृति ईरानी बचपन से ही आरएसएस का हिस्सा रही हैं। उनके दादाजी RSS स्वयंसेवक थे और मां जनसंघी। 2003 में बीजेपी ज्वाइन करने के बाद स्मृति 2004 में महाराष्ट्र यूथ विंग की वाइस-प्रेसिडेंट बनीं।
2004 में स्मृति ईरानी दिल्ली की चांदनी चौक सीट से कांग्रेस के कपिल सिब्बल के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। साल 2010 में स्मृति बीजेपी की राष्ट्रीय सचिव और महिला विंग की अध्यक्ष बनीं।