अगहन मास में रोज करें सूर्य से जुड़ा ये उपाय, दूर हो सकते हैं कुंडली के दोष

उज्जैन. अभी अगहन मास चल रहा है, जो 30 दिसंबर तक रहेगा। इस माह में सूर्य पूजा का विशेष महत्व है। रोज सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। इस काम से धर्म लाभ के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। सूर्य को जल चढ़ाने से कुंडली के दोष और मन शांत होता है, आलस्य दूर होता है, आंखों की रोशनी बढ़ती है। भविष्य पुराण के ब्राह्म पर्व में श्रीकृष्ण और सांब के सूर्य संबंधित संवाद हैं।

Asianet News Hindi | Published : Dec 3, 2020 6:29 AM IST
110
अगहन मास में रोज करें सूर्य से जुड़ा ये उपाय, दूर हो सकते हैं कुंडली के दोष

प्रत्यक्ष देवता हैं सूर्य
सांब श्रीकृष्ण के पुत्र थे। इस संवाद में श्रीकृष्ण ने सांब को सूर्य पूजा की महिमा बताई है। श्रीकृष्ण ने सांब को बताया कि सूर्य एकमात्र प्रत्यक्ष देवता हैं। सूर्य भगवान को सीधे देखा जा सकता है। जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ सूर्य की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं सूर्य देव पूरी करते हैं। श्रीकृष्ण ने कहा कि सूर्य की पूजा के प्रभाव से ही उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई है।

210

तांब के लोटे से चढ़ाना चाहिए सूर्य को जल

310

भविष्य पुराण के अनुसार, रोज सुबह स्नान के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।

410

इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें, इसमें चावल, फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए।

510

जल अर्पित करते समय सूर्य मंत्र का जाप करें। इस जाप के साथ शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की कामना करना चाहिए।

610

सूर्य मंत्र - ऊँ खखोल्काय स्वाहा। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।

710

इस प्रकार सूर्य पूजा करने के बाद धूप, दीप से सूर्य देव का पूजन करें।

810

सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन आदि का दान करें।

910

अपनी श्रद्धानुसार इन चीजों में से किसी भी चीज का दान किया जा सकता है। इससे कुंडली में सूर्य के दोष दूर हो सकते हैं।

1010

सूर्य के लिए रविवार को व्रत करें। एक समय फलाहार करें और सूर्यदेव की पूजा करें।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos