मंत्र जाप करने से पहले ध्यान रखें ये 4 बातें, वरना नहीं मिल पाएगा पूरा फल

उज्जैन. शिवपुराण में देव भक्ति और उपासना से संबंधित कई बातें बताई गई हैं, जिनसे हम भगवान की पूजा-आराधना की विधि और महत्व के बारे में अच्छी तरह से समझ सकते हैं। शिवपुराण के वायवीय संहिता नाम के खण्ड में जप के बारे में बताया गया है। शिवपुराण के अनुसार देवी-देवता का जप करते समय यदि इन 4 बातों का ध्यान न रखा जाए तो आपका जप निष्फल माना जाता है। जानिए कौन-सी हैं वो 4 बातें…

Asianet News Hindi | Published : Dec 24, 2020 4:04 AM IST
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मंत्र जाप करने से पहले ध्यान रखें ये 4 बातें, वरना नहीं मिल पाएगा पूरा फल

1. गलत तरीके से किया गया जप
भगवान की पूजा और जप करने की एक निश्चित क्रिया होती है। मनुष्य को पूरे विधि-विधान के साथ ही देव पूजा और जप करना चाहिए। अगर कोई बिना सही विधि का पालन किए, किसी भी समय पर किसी भी तरह से भगवान का जप करता है तो उसका जप निष्फल माना जाता है। इसलिए, मनुष्य को सुबह जल्दी उठ कर स्नान करके भगवान के सामने दीप लगाकर, पूरी क्रिया के साथ जप करना चाहिए।
 

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2. बिना श्रद्धा के किया गया जप
देव पूजा में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है मनुष्य की श्रद्धा। जो मनुष्य अपवित्र भावनाओं से या बिना श्रद्धा के भगवान की पूजा या जप करता है तो उसे इसका फल कभी नहीं मिलता। कहा जाता है कि भगवान की कृपा मनुष्य की श्रद्धा पर निर्भर करती है। अगर पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ भगवान से प्रार्थना की जाए तो मनुष्य की हर मनोकामना जरूर पूरी होती है।
 

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3. जिस जप के बाद दक्षिणा न दी जाएं
देव पूजा और आराधना में पूजन विधि के साथ-साथ दान देने का भी बहुत महत्व माना जाता है। शिवपुराण के अनुसार, अगर कोई मनुष्य पूरे विधि-विधान के साथ भगवान का जप करे और उसके बाद दक्षिणा या दान न करे तो उसका जप व्यर्थ चला जाता है। दक्षिणाहीन जप का फल मनुष्य को प्राप्त नहीं होता।
 

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4. आज्ञाहीन जप
मनुष्य को भगवान की पूजा-अर्चना और जप करने से पहले योग्य पंडितों और ऋषियों से इसकी आज्ञा, महत्व और विधि के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। ऋषियों से सही विधि-विधान जाने बिना किया गया जप मनुष्य को फल प्रदान नहीं करता है। इसलिए जप करने से पहले ब्राह्मणों से उसके बारे में पूरी जानकारी और आज्ञा लेना अनिवार्य बताया गया है।
 

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