उज्जैन. केतु ग्रह 22 सितंबर की रात से राशि परिवर्तन कर धनु से वृश्चिक में आ चुका है। ज्योतिष शास्त्र में केतु को पाप ग्रह माना गया है। इसके बुरे प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में कई संकट आते हैं। कुंडली में केतु अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति अपने जीवन में कई गलत डिसिजन लेता है। वह बुरी आदतों का शिकार भी हो सकता है, साथ ही उसे कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, केतु के कारण ही जन्म कुंडली में कालसर्प दोष भी बनता है। इसलिए केतु के दोष का निवारण करना बहुत ही जरूरी है। नहीं तो व्यक्ति के जीवन में परेशानियां बनी रहती हैं, जिसका असर उसके परिवार पर भी पड़ता है। कुछ साधारण ज्योतिषीय उपाय कर केतु के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। ये उपाय इस प्रकार हैं-