सांस लेने की गति में बदलाव करना भस्त्रिका प्राणायाम कहलाता है। इस प्राणायाम को करने के लिए पहले पद्मासन की स्थिति में बैठ जाएं। कमर, गर्दन, पीठ एवं रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए शरीर को बिल्कुल स्थिर रखें। इसके बाद बिना शरीर को हिलाए नाक के दोनों छिद्रों से आवाज करते हुए सांस लें। फिर आवाज करते हुए ही सांस बाहर छोड़ें। अब तेज गति से आवाज करते हुए सांस लें और बाहर निकालें। यही क्रिया भस्त्रिका प्राणायाम कहलाती है। हमारे दोनों हाथ घुटने पर ज्ञान मुद्रा में रहेंगे और आंखें बंद रहेंगी। ध्यान रहे, सांस लेते और छोड़ते वक्त हमारी लय ना टूटे।
लाभ
इस प्राणायाम के अभ्यास से मोटापा दूर होता है, जिससे शरीर आकर्षक बनता है।