बच्चों को लॉकडाउन के बाद स्कूल भेजने से पहले सावधान, पिता ने दिखाई 5 साल की बेटी की ऐसी हालत

हटके डेस्क: कोरोना वायरस ने देखते ही देखते दुनिया में तबाही मचा दी। इस वायरस ने अभी तक दुनिया में 48 लाख 18 सौ से अधिक लोगों को संक्रमित किया है। वहीं इससे मरने वालों का आंकड़ा 3 लाख 16 हजार के पार है। कोरोना संक्रमण का अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है। इसलिए इससे बचाव के लिए कई देशों को लॉकडाउन किया गया है। हालांकि, पिछले तीन महीने से कई देशों में लॉकडाउन के धीरे-धीरे शहर खुलने लगे हैं। इस बीच स्कूल-कॉलेजेस को भी खोलने पर विचार किया जा रहा है। यूके कोरोना से प्रभावित हुए देशों में से एक है। हालांकि, अब 1 जून से वहां स्कूलों को खोलने की तैयारी की जा रही है। लेकिन इस बीच एक पिता ने अपनी 5 साल की बेटी की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की। बच्ची को लॉकडाउन से पहले स्कूल में ही कोरोना हो गया था। 5 हफ्ते पहले ही उसने कोरोना को मात दी थी। लेकिन अब उसे कावासाकी बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया है। अपनी बेटी की हालत लोगों से शेयर करते हुए पिता ने रिक्वेस्ट की है कि अभी स्कूलों को ना खोला जाए। दरअसल. कई लोगों का ये मानना है कि कोरोना बच्चों को अपनी चपेट में नहीं ले सकता। इस कारण वो सेफ हैं। लेकिन कई बच्चों को इस जानलेवा वायरस ने अपना निवाला बना लिया है। वहीं अब तो कोरोना के साथ-साथ कावासाकी नाम की नई बीमारी भी बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है। 

Asianet News Hindi | Published : May 18, 2020 3:47 AM IST / Updated: May 18 2020, 12:39 PM IST

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बच्चों को लॉकडाउन के बाद स्कूल भेजने से पहले सावधान, पिता ने दिखाई 5 साल की बेटी की ऐसी हालत

5 साल की स्कारलेट रॉबर्ट्स को लॉकडाउन से पहले ही कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया था। उसे स्कूल में कोरोना हुआ था। कई दिनों तक कोरोना से जंग लड़ने के बाद स्कारलेट ने कोरोना को मात दी थी। पांच हफ्ते पहले ही कोरोना को हराने के बाद स्कारलेट इस नई बीमारी कावासाकी की चपेट में आ गई। जिसमें डॉक्टर्स ने उसके बचने के मात्र 20 परसेंट चान्सेस ही दिए थे। स्कारलेट के पिता पिएर्स रोबर्ट ने अपनी बेटी की तस्वीर शेयर करते हुए रिक्वेस्ट की है कि अभी स्कूलों को खोलना समझदारी नहीं है। 

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स्कारलेट को पहले कोरोना हुआ, जो उसे स्कूल से ही हुआ था। इसके बाद उसे कावासाकी भी हो गया। कावासाकी और कोरोना को जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने साफ़ कहा कि इन दोनों के बीच किसी तरह का कनेक्शन नहीं है। 

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कावासाकी में बच्चों के ब्लड वेसेल्स फूल जाते हैं। साथ ही उन्हें बुखार, रैशेस और लाल आंखों की समस्या झेलनी पड़ती है। इतना ही नहीं, होंठ और एड़ियों का फटना भी देखा जा रहा है। एलेक्सेंडर पारसंस नाम के इस बच्चे की मौत कावासाकी की वजह से हो गई। वो मात्र 8 महीने का था।  

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एलेक्सेंडर अपने माता-पिता के साथ। उसे 6 अप्रैल को अस्पताल लाया गया था। उसे बुखार था और उसकी स्किन पर रैशेस दिखाई दे रहे थे। अपनी मां की बाँहों में ही एलेक्स ने दम तोड़ दिया था। 
 

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जहां यूके में बच्चे कोरोना और अब कावासाकी के शिकार हो रहे हैं, वहीं यूके के कैबिनेट मिनिस्टर ने बयान दिया है कि गारा आप अपने बच्चों की फ़िक्र करते हैं, तो उन्हें स्कूल भेजें। यहां 1 जून से स्कूल खोले जाने की तैयारी चल रही है। 
 

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यूके में बीते 6 हफ़्तों से सभी स्कूलों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इससे पहले कुछ स्कूलों में पढ़ाई जारी थी। 

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जहां लोग स्कूलों को खोलने के खिलाफ हैं, वहीं यूके के पीएम बोरिस जॉनसन ने भी इन्हें दुबारा खोलने की बात कही है। 
 

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कई देशों में अब स्कूल खोल दिए गए हैं। डेनमार्क में लॉकडाउन के बाद बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पढ़ाया जा रहा है। 
 

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