समाज और लोगों के बारे में सोचना बंद कर अंकित ने इंजीनियर चायवाला की शुरुआत की। उन्होंने अपने ठेले पर साफ़ लिखा है कि वो इंजीनियर हैं ,लेकिन उन्हें नौकरी में सुकून नहीं मिला। साथ ही वो चाय के भी शौक़ीन हैं। उन्हें मन लायक चाय नहीं मिली, इस कारण नौकरी छोड़ अब वो लोगों को चाय पिला रहे हैं।