10 मार्च के जश्न को विदेशी मीडिया ने बताया लापरवाही, कहा था- कोरोना का पहला केस मिल गया, तभी संभलना चाहिए था
हटके डेस्क: दुनिया में कोरोना आतंक मचाए हुए है। लोग मर रहे हैं। हर दिन के साथ मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही संक्रमितों की संख्या में भी तेजी से बढ़त हो रही है। अभी तक दुनिया में 17 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हैं। वहीं मरने वालों का आंकड़ा भी एक लाख से पार है। भारत में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को आया था। उस समय तक इस वायरस ने चीन, स्पेन और इटली में कोहराम मचा दिया था। लेकिन हम भारतीय नहीं समझे। हमनें इस वायरस को मजाक में लिया, जैसा की बाकी देशों ने किया। तभी तो जब 9 मार्च को देश में होली का जश्न मनाया गया, तब विदेशी मीडिया ने इसकी तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था कि इस जानलेवा बीमारी में भी भारत में ऐसी लापरवाही की गई। आप भी देखें भारत के लोगों की वो लापरवाही, जिसकी वजह से आज आपको घर में बंद होना पड़ गया।
Asianet News Hindi | Published : Apr 13, 2020 7:40 AM IST / Updated: Apr 13 2020, 06:25 PM IST
विदेशी मीडिया गल्फ न्यूज ने भारत में कोरोना के कहर के दौरान की खौफनाक तस्वीरें शेयर की थी। देश में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को आया था।
लेकिन इसके बावजूद लोगों ने होली का त्यौहार मनाया। उस दौरान हजारों-लाखों लोग एक जगह पर जमा हुए थे।
गल्फ न्यूज ने होली सेलिब्रेशन की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था कि कोरोना में भी भारत में ऐसे जमा हुए हजारों लोग और मनाया होली।
इसमें स्कूल-कॉलेज से लेकर मंदिरों में भी होली का जश्न मनाया गया था। जब भारत में उस समय कोरोना संक्रमित मिल चुका था, तो ऐसा करना बड़ी लापरवाही थी।
होली के समय लोगों को कोरोना के आतंक का अंदाजा ही नहीं था। सबने इसे बड़े हलके में ले लिया था।
कई जगह होली के दौरान लोग मास्क पहने नजर आए थे। लेकिन किसी को क्या पता था कि वो जो कर रहे हैं, वो शायद उनकी सबसे बड़ी गलती साबित होगी।
जमकर होली की शॉपिंग की गई थी। बाजार सजे थे जिसमें हजारों लोग आए थे।
इस समय किसी को अंदाजा नहीं था कि एक समय ऐसा आएगा जब कोरोना के खौफ से लोग घरों में बंद हो जाएंगे। आज भारत में कोरोना तेजी से फ़ैल रहा है।
हर दिन के साथ इससे संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। साथ ही मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है।
भारत में संक्रमण फैलाने का सबसे बड़ा जिम्मेदार तब्लीगी जमात को माना जा रहा है। लेकिन इस बीच ये भी मानना चाहिए कि शुरुआत में किसी ने इस वायरस के खौफ को गंभीरता से नहीं लिया। अगर ऐसा किया जाता तो भारत में हालात ऐसे नहीं होते।