रूस के कोरोना बम से ये शहर बना दूसरा वुहान, हड़बड़ाए चीन ने 6 दिन में ठोंक दिया 13 मंजिला अस्पताल
हटके डेस्क: दुनिया अभी कोरोना संकट से जूझ रही है। चीन के वुहान से शुरू हुए इस वायरस ने लगभग हर देश को अपनी चपेट में ले लिया है। आज के समय में कोरोना ने लगभग हर देश को अपनी चपेट में ले लिया है। दुनिया में आज करीब 20 लाख लोग कोरोना संक्रमित हैं। इसके अलावा मरने वालों का आंकड़ा भी एक लाख बीस हजार पार कर चुका है। इस बीच दुनिया में कोरोना फैलाकर चीन ने पूरी दुनिया को लॉकडाउन करवा दिया। जब पूरी दुनिया में कोरोना ने तबाही मचा दी, तब चीन ने ऐलान किया कि उसके देश में कोरोना पर नियंत्रण किया जा चुका है। कुछ दिनों पहले ही चीन में लॉकडाउन हटाया गया। इसके बाद अचानक ही यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी आई। इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू होते ही रूस ने प्लेन में भर-भरकर कोरोना संक्रमित चीन भेज दिए। नतीजा ये हुआ कि चीन का सुइफेंहे शहर आज दूसरा वुहान बनने के कगार पर आ गया है। यहां अचानक कोरोना के मामले बढ़ गए हैं, जिसकी वजह से यहां 13 मंजिला अस्पताल बनाया गया, ताकि कोरोना की दूसरी लहर के मरीजों का इलाज किया जा सके।
Asianet News Hindi | Published : Apr 15, 2020 3:56 AM IST / Updated: Apr 15 2020, 11:56 AM IST
चीन ने जैसे ही लॉकडाउन हटाया अचानक ही यहां कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ गई। इसे बढ़ाने का काम किया रूस से आए लोगों ने।
लॉकडाउन के कारण चीन के कई लोग रूस में फंसे थे। जैसे ही विमान सेवा शुरू हुई, कई लोग चीन वापस आए। इनमें से अधिकांश लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
खासकर रूस से सटे चीन के बॉर्डर के पास बसा सुइफेंहे शहर इस बार कोरोना हॉटस्पॉट बना है। यहां चीन ने 13 मंजिला हॉस्पिटल का निर्माण करवाया।
इस अस्पताल में 580 बेड लगाए गए हैं।इन सभी मरीजों को कोरोना के दूसरे लहर का मरीज माना जा रहा है।
सुइफेंहे शहर की आबादी 70 हजार है। अभी तक इस शहर में कोरोना के 1000 से अधिक पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिसके और बढ़ने की संभावना है।
कोरोना के इन नए मामलों में सबसे भयानक बात ये है कि इन मरीजों में बीमारी एक कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं। जैसा पहले सर्दी-खांसी को कोरोना का लक्षण कहा जा रहा था, इस बार वो भी नजर नहीं आ रहा।
सुइफेंहे शहर के इस अस्पताल का निर्माण ख़ास तौर पर कोरोना मरीजों के लिए हुआ। कई वर्कर्स दिनरात इसके निर्माण में जुटे रहे।
अस्पताल के अंदर मरीजों की सुविधा का ध्यान रखा गया है। अस्पताल में कभी भी मरीजों को अब एडमिट किया जा सकता है।
शून्य से वापस संक्रमितों की संख्या बढ़ने के कारण चीन चिंतित है। ऐसा होने के कारण अब चीन विदेशों से आने वाले नागरिकों की जांच को लेकर काफी सख्ती दिखा सकता है।
पिछले हफ्ते चीन ने रूस के साथ अपने 26 सौ लंबे बॉर्डर को बंद करवा दिया ताकि रूस से वापस कोई संक्रमित ना आ पाए। लेकिन हवाई अड्डों पर कुछ भी सिक्युरिटी ना होने के कारण यहां संक्रमितों की संख्या बढ़ गई।
बता दें कि चीन के कई लोग रूस में रहकर अपनी जीविका कमाते हैं। रूस में चीन से बनी कई चीजें बेचीं जाती हैं।
लेकिन अब जो नए मामले सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए कई लोग इसे रूस द्वारा चीन से बदला लेना बता रहे हैं।
सुइफेंहे शहर में कोरोना के जो 1 हजार केस आए हैं, उसमें ढाई सौ से अधिक रूस से लौटे थे।
अस्पताल के बाहर मास्क लगाकर घूमता चीनी सिक्युरिटी गार्ड।