चीन ने बंदरों के बीच भी फैलाया कोरोना, लेकिन बेजुबानों का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाया वायरस
हटके डेस्क: कोरोना वायरस से हुई दुनियाभर में मौतों का आंकड़ा 7 हजार पहुंचने जा रहा है। इतना ही नहीं, अभी तक इससे संक्रमित लोगों की संख्या भी एक लाख 70 हजार पार कर गई है। दुनिया के कई देशों को अपनी चपेट में ले चुके कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने में दुनिया के कई देश लगे हुए हैं। इस बीच चीन से एक अच्छी खबर आ रही है। चीन जल्द ही बंदरों के जरिये कोरोना वायरस को मात देने वाली वैक्सीन बना लेगी। आपको बताते हैं कि चीन के वैज्ञानिकों की बंदरों ने कैसे की मदद...
Asianet News Hindi | Published : Mar 17, 2020 4:51 AM IST / Updated: Mar 17 2020, 02:23 PM IST
चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस का इलाज भी अब यही से ढूंढा जा सकता है।
चीन ने इस वायरस का इलाज ढूंढने के लिए अपने प्रयोगशाला में कुछ बंदरों को कोरोना वायरस से संक्रमित किया था।
कोरोना से संक्रमित इन बंदरों ने वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी हासिल कर ली।
वैज्ञानिकों ने इन बंदरों को कोरोना से इन्फेक्ट तो किया। लेकिन इन बंदरों की बॉडी ने वायरस से लड़ने के लिए इम्यूनिटी हासिल कर ली।
चीन अब इन बंदरों की बॉडी से एंटीबॉडीज लेकर वैक्सीन तैयार करने में लगा है।
आपको बता दें कि एंटीबॉडीज हमारी बॉडी के अंदर होते हैं। जो हमें कई बीमारियों से बचाते हैं। ये एंटीबॉडीज बॉडी को किसी संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं।
चीन इन बंदरों की बॉडी से लिए एंटीबॉडीज से वैक्सीन तैयार करेंगे और फिर एक महीने के अंदर इसे इंसानों पर ट्राई करेंगे।
वैज्ञानिक उन लोगों की बॉडी से भी एंटीबॉडीज लेंगे जिन्होंने इस वायरस पर फतह पाई है। आपको बता दें कि दुनियाभर में अभी तक इस वायरस से ग्रस्त 75 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं।
डॉक्टर्स वायरस से ठीक हो चुके लोगों और बंदरों की बॉडी से लिए एंटीबॉडीज को मिलकर दोनों के बीच की समानता भी देखेंगे।
कई लोगों को ये भी डर है कि एक बार कोरोना से ठीक होने पर दुबारा इस वायरस की चपेट में आने के कितने प्रतिशत चान्सेस हैं। तो आपको बता दें कि मात्र 0.1 से 1 परसेंट लोग ही दुबारा इस वायरस की चपेट में आए हैं।
इस खबर के सामने आने के बाद अब जल्द ही इस वायरस का इलाज मिलने की उम्मीद को और मजबूती मिल चुकी है।