ऐसे ही डंडों से पीट-पीटकर चीनी हैवानों ने ली भारतीय बहादुरों की जान, शरीर में चुभोते रहे कील

Published : Jun 18, 2020, 02:42 PM ISTUpdated : Jun 19, 2020, 08:54 AM IST

हटके डेस्क: चीन ने एक बार फिर अपनी कायरता का परिचय दिया। बिना किसी ठोस वजह के भारत-चीन बॉर्डर पर शुरू हुई खींचतान में भारत ने अपने 20 जवान खो दिए। इंटरनेशनल मीडिया भी इस खबर को प्रमुखता से कवर कर रहा है। गलवान वैली में हुई इस मुठभेड़ में जहां 20 भारतीय जवानों की मौत हुई, वहीं खबर है कि करीब 43 चीन के सैनिक घायल हुए। अब भारत की तरफ से उस हथियार की तस्वीर सामने आई है, जिससे चीन के सैनिकों ने भारतीय जवानों पर अटैक किया था। इस मुठभेड़ में गोलियों का इस्तेमाल नहीं हुआ। बल्कि चीनी सैनिकों ने लकड़ी के डंडे का प्रयोग किया, जिसपर लोहे की कीलें लगी थी। साथ ही डेली मेल की खबर के मुताबिक, जब तक सैनिकों ने दम नहीं तोड़ दिया, तब तक उन्हें पीटा गया। इसके बाद उनकी बॉडी को क्षतिग्रस्त भी करने की कोशिश की गई।  

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ऐसे ही डंडों से पीट-पीटकर चीनी हैवानों ने ली भारतीय बहादुरों की जान, शरीर में चुभोते रहे कील

लद्दाख के गलवान वैली में हुई मुठभेड़ में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। चीन की तरफ से किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन उनका कहना है कि उनके करीब 43 सैनिक घायल हुए हैं। 

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इस मुठभेड़ में इस हथियार से चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर अटैक किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चाइनीज पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने भारतीय जवानों को मारने के बाद उनके शवों को भी क्षतिग्रस्त किया था। 

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इस हमले में कर्नल बी संतोष बाबू शहीद हो गए। उनके ताबूत पर उनका सम्मान करते परिवार वाले। कर्नल बाबू की मां मंजुला ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'मैंने अपने बेटे को खो दिया, मैं इसे सहन नहीं कर सकती। लेकिन वह देश के लिए मर गया और इससे मुझे खुशी और गर्व होता है। ' उनके पिता बी उपेंद्र ने द टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा: 'मैं हमेशा से जानता था कि एक दिन मैं वही सुन सकता हूं जो मैंने आज सुना, और मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार था। 'हर कोई मर जाता है लेकिन देश के लिए मरना मेरे लिए सौभाग्य की बात है और मुझे अपने बेटे पर गर्व है।'
 

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भारतीय सेना के अधिकारी गुरुवार को भारत के हैदराबाद से लगभग 90 मील की दूरी पर सूर्यपेट में कर्नल के अंतिम संस्कार के लिए बी संतोष बाबू के ताबूत को ले जाते हुए। 

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कर्नल बी संतोष बाबू सोमवार को लद्दाख सीमा पर टकराव के रूप में मारे गए पहले जवानों में से एक थे। उनकी मां मंजुला ने कहा: 'मैंने अपने बेटे को खो दिया, मैं इसे सहन नहीं कर सकती। लेकिन वह देश के लिए मर गया और इससे मुझे खुशी और गर्व होता है। 

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वहीं इस मुठभेड़ में नायब सूबेदार मनदीप सिंह भी शहीद हो गए। वो पंजाब के पटियाला के रहने वाले थे। 

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यही है वो गलवान घाटी जहां भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच बड़े पैमाने पर विवाद हुआ था। 

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बात अगर पुरे विवाद पर करें, तो चीन का कहना है कि भारत के 35 हजार स्क्वायर मील की जमीन पर उसका हक़ है, जबकि भारत का कहना है कि चीन ने उसके 15 हजार स्क्वायर फीट पर कब्ज़ा जमा रखा है। 

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सीमा पर हिंसा की खबरें आने के बाद भारतीयों ने पूरे भारत में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के चित्र जलाए। अब भारतीय चीनी प्रोडक्ट्स को पूरी तरह बैन करने की कोशिश में हैं। 

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