बाघों के अत्याचार का गढ़ था ये मंदिर, फ्रिज से मिली थी 40 शावकों की बॉडी
आज अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस है। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन 2018 जारी किया। इसके मुताबिक 2014 के मुकाबले बाघों की संख्या में 741 बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन दुनिया में एक ऐसा कोना भी था, जहां धर्म के नाम पर खुलेआम बाघों के ऊपर ज्यादती की जाती थी।
Asianet News Hindi | Published : Jul 29, 2019 12:40 PM IST / Updated: Jul 29 2019, 06:43 PM IST
म्यांमार और थाईलैंड के बीच बना मंदिर Wat Pa Luang Ta Bua एक समय में काफी मशहूर था। इसे टाइगर टेम्पल के नाम से भी जाना जाता था।
यहां आने वाले पर्यटक बाघों के साथ बिल्कुल नजदीक से तस्वीरें खिंचवाते थे। वो बाघों को बोतल से दूध भी पिलाते थे।
लेकिन धीरे-धीरे ये मंदिर विवादों में आ गया। कहा जाने लगा कि यहां बाघों पर काफी अत्याचार किया जाता था। उन्हें बेहोशी की दवा दी जाती थी ताकि वो लोगों को नुकसान ना पहुंचा पाए।
जब मंदिर को लेकर काफी विवाद हुआ, तो 2016 में जांच टीम का गठन किया गया। उसके बाद जो तस्वीर सामने आई वो काफी भयावह थी। मंदिर के फ्रीजर से 40 शावकों का शव निकाला गया।
मंदिर पर बाघों की तस्करी के आरोप लगे। इसके बाद वहां मौजूद सभी बाघों को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया गया। जांच के दौरान मंदिर में डेढ़ सौ से अधिक बाघ थे। इसके बाद मंदिर को बंद कर दिया गया।