पहले कोरोना, अब अम्फान: तो क्या 24 घंटे बाद बर्बाद हो जाएगा भारत? तेजी से बढ़ रही तबाही के आगे लाचार हुआ इंसान

हटके डेस्क: साल 2020 वाकई दुनिया के लिए कई मुसीबत लेकर आया है। जहां साल की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग से हुई, वहीं कोरोना ने सबको पस्त कर दिया। अब भारत में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख के ऊपर हो चुकी है। देश जहां अभी कोरोना से लड़ने के तरीके ढूंढ ही रहा था, वहीं एक नई मुसीबत तेजी से भारत की तरफ बढ़ रही है। मात्र 24 घंटे से भी कम समय में भारत के समुद्री इलाकों में अम्फान टकराने वाला है। ये तूफान भारी तबाही लेकर आए, इसका अंदाजा लगाया जा रहा है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस तूफान से जुड़ी हर एक छोटी से छोटी बात, जो शायद आपको नहीं पता होगी... 
 

Asianet News Hindi | Published : May 19, 2020 4:48 AM IST / Updated: May 19 2020, 01:09 PM IST
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पहले कोरोना, अब अम्फान: तो क्या 24 घंटे बाद बर्बाद हो जाएगा भारत? तेजी से बढ़ रही तबाही के आगे लाचार हुआ इंसान

कोलकाता के क्षेत्रीय इलाकों में 20 मई को दोपहर और शाम के बीच भीषण चक्रवाती तूफान अम्फान टकराने वाला है। यह तूफ़ान भारत के कई तटीय इलाकों को तबाह कर देगा। इसमें ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम,  असम और मेघालय शामिल हैं। तूफ़ान के कारण 21 मई तक भीषण बारिश होने की संभावना जताई गई है। 

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अम्फान के कारन 195 से लेकर 200 किमो की रफ़्तार से हवाएं चलेंगी। इस कारण तटीय इलाकों में कच्चे मकान, नारियल आदि के पेड़ों को भारी नुकसान पहुंचेगा। साथ ही बिजली के खंभों और टेलीफोन के टावर्स को भी क्षति पहुंचेगी। 
 

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आप सोच रहे होंगे कि आखिर आने वाले तूफानों को नाम कौन देता है? तो बता दें कि आज से 16 साल पहले ही अम्फान नाम का फैसला हो गया था। इस तूफान को नाम थाईलैंड ने दिया है। दरअसल, दुनिया में तूफानों के नाम डिसाइड करने के लिए 5 कमिटियां फाइनल की गई हैं। यही इन तूफानों के नाम रखती हैं। इसमें इस्‍केप टाइफून कमेटी, इस्‍केप पैनल ऑफ ट्रॉपिकल साइक्‍लोन, आरए 1 ट्रॉपिकल साइक्‍लोन कमेटी, आरए- 4 और  आरए- 5 ट्रॉपिकल साइक्‍लोन कमेटी शामिल है। 

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विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने इन तूफानों का नाम रखने का चलन शुरू किया, जो 2004 से भारत में भी शुरू हुई। इसके बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाइलैंड ने भी तूफानों के नाम देने शुरू किये। 

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साल 2014 तूफानों के नाम रखने का अधिकार ईरान, कतर, सउदी अरब, यूएई और यमन को भी दिया गया।काफी चर्चा में रहे तूफान हेलेन का नाम बांग्लादेश ने, हुदहुद का ओमान ने, निलोफर और वरदा का पाकिस्तान ने, मेकुनु का मालदीव ने और हाल में बंगाल की खाड़ी से चले तूफान 'तितली' का नाम पाकिस्तान द्वारा दिया गया था।  

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फाइनल किये गए नामों को अगले 10 साल तक दुबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता। साथ ही जिस तूफ़ान ने काफी तबाही मचाई, उसका भी इस्तेमाल भी दुबारा नहीं किया जाता। 

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तूफानों के नाम रखते वक्त एक ख़ास नियम को माना जाता है। जैसे ऑड सालों में चक्रवात का नाम औरतों के नाम पर रखा जाता है, जबकि ईवन सालों में आए तूफान के नाम पुरुषों पर आधारित होते हैं। यानी अम्फान पुरुषों का नाम है। 

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साथ ही हर तूफ़ान का एक मतलब होता है। वैसे ही अम्फान तूफ़ान का नाम का मतलब स्काई यानी आसमान है। ऐसे बांग्लादेश के मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने बताया। 

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जहां फिलहाल भारत  कोरोना से जंग लड़ रहा है, वहां अब इस तूफ़ान ने लोगों की धड़कन भी बढ़ा दी है। लोगों को कई तरह की सावधानियों को बरतने को कहा गया है। बांग्लादेश अपने देश से 20 लाख लोगों को सुरक्षित जगह ले जा रहा है। जबकि  भारत में भी टास्क फाॅर्स लगा दिए गए हैं।  

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