युद्ध लड़ने गए जब देश के मर्द, तो फैक्टरियों में बम के गोले तैयार करती दिखी लड़ाकू महिलाएं
हटके डेस्क: 8 मार्च को इंटरनेशनल वीमेंस डे मनाया जाएगा। सशक्त महिलाओं के जज्बे को सलाम करता ये दिन वाकई मायने रखता है। जहां एक तरफ ये माना जाता है कि अब जाकर महिलाएं मजबूत हुई है, तो आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। सोशल मीडिया पर आज से 100 साल पहले युद्ध की तैयारियां करती महिलाओं की तस्वीरें देख आपको अंदाजा हो जाएगा कि महिलाएं आज ही नहीं, उस समय भी कितनी निडर और बहादुर थी।
आज से 100 साल पहले फर्स्ट और सेकंड वर्ल्ड वॉर के समय फैक्टरियों में महिलाओं को काम करते देखना कोई बड़ी बात नहीं थी। यूके में इन फैक्ट्रीज में मर्दों से अधिक महिलाएं ही थीं।
1918 में इन फैक्टरियों में करीब चालीस प्रतिशत वर्कर्स महिलाएं थी।
1917 में ब्रिटिशर्स जितने हथियार इस्तेमाल करते थे, उसका अस्सी प्रतिशत महिलाएं बनाती थी।
दरअसल, उस दौरान देश के मर्द युद्ध लड़ने गए थे। इस कारण फैक्टरियों में महिलाओं को काम दिया गया।
सितंबर 1918 में हथियार बनाने वाली फैक्ट्री में इस तरह काम करती दिखी महिलाएं।
दरअसल, वॉर में मर्द युद्ध लड़ने चले गए थे। ऐसे में ये फैक्टरियों में महिलाओं को काम पर लगा दिया गया था।
ये महिलाएं मेकेनिकल के साथ साथ केमिकल डिपार्टमेंट भी संभालती थीं।
यूके वॉर में इन महिलाओं की भागेदारी काफी अहम थी। मर्दों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती ये महिलाएं वाकई मिसाल हैं।
ये महिलाएं पूरी डिटेल्स के साथ अपना काम करती थी। वॉर के अलावा उस दौरान महिलाओं को बाकी की फैक्ट्रीज में भी जमकर काम दिया गया।
दिनभर की थकान के बाद फैक्ट्री के बाहर हंसती-मुस्कुराती महिला वर्कर्स।