बहू-बेटे नहीं, इस आश्रम में आते हैं बीवियों द्वारा सताए पति, इन जुल्मों को सहने के बाद ही मिलती है अंदर एंट्री

हटके डेस्क: भारत ही नहीं, दुनियाभर में कई तरह के आश्रम हैं। इनमें अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम शामिल हैं। जिन बच्चों को घर नहीं मिल पाता या जो बुजर्ग अपने बेटों द्वारा निकाल दिए जाते हैं उन्हें इन आश्रम में पनाह दी जाती है। लेकिन अगर हम आपसे कहें कि भारत में एक ऐसा आश्रम है जहां बीवियों द्वारा सताए गए पतियों को जगह दी जाती है। ऐसे मर्द जो अपनी पत्नी के अत्याचार के कारण अपने घर और समाज से दूर हो गए हैं, वो यहां आकर रहते हैं। लेकिन यहां एंट्री के लिए इन्हें कुछ क्राइटेरिया को क्रॉस करना पड़ता है। अगर इन चीजों को ये क्वालीफाई कर लेते हैं तब इन्हें इस आश्रम के अंदर रहने की इजाजत मिलती है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 16, 2020 11:31 AM IST
110
बहू-बेटे नहीं, इस आश्रम में आते हैं बीवियों द्वारा सताए पति, इन जुल्मों को सहने के बाद ही मिलती है अंदर एंट्री

पत्नी पीड़ित परुष आश्रम किसी किताब में बने आश्रम की तरफ इशारा नहीं करती। ये सच में मौजूद है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में इस आश्रम को खोला गया है। 
 

210

 इस आश्रम से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर मुंबई-शिरडी हाइवे है। इसे ख़ास तौर पर उन  लोगों के लिए खोला गया है, जो पत्नी द्वारा सताए जाते हैं। 

310

इस आश्रम की स्थापना भारत फुलारे ने की थी। वो खुद पत्नी द्वारा सताए हुए हैं। उनकी पत्नी ने उनपर चार केस दर्ज करवाए थे। इसके कारण भारत का जीना काफी मुश्किल हो गया था। 

410

भारत का कोई भी रिश्तेदार उससे बात नहीं करता और उससे मिलने से कतराता था। केस की वजह से कई महीने तक वो अपने घर भी नहीं जा पाया। कई बार तो उसे आत्महत्या तक करने का मन होता था। 

510

इसी दौरान उसकी मुलाकात दो तीन और लोगों से हुई जो खुद भी पत्नी द्वारा सताए गए थे। इन सभी लोगों ने आपस में अपना दुखड़ा रोया और फिर तय किया कि वो एक-दूसरे की मदद करेंगे। 
 

610

उन्होंने मदद से कानूनी सलाह ली और पत्नियों के अत्याचार से बाहर आ गए। इसके बाद उन्होंने बाकी ऐसे लोगों की मदद करने का फैसला किया, जो पत्नियों द्वारा सताए गए हैं। 

710

इसके लिए 19 नवंबर 2016 को पुरुष अधिकार दिवस पर इस आश्रम की नींव रखी गई। इस आश्रम में बीवियों द्वारा सताए लोग ही रह सकते हैं। लेकिन उसके लिए कुछ नियमों को पूरा करना जरुरी है।  

810

इसमें सबसे पहली शर्त है शख्स पर कम से कम 40 केस दर्ज होना। जी हां, इस आश्रम में वही रह सकता है जिसकी पत्नी ने उसपर 40 से ज्यादा केस दर्ज किये हो।

910

या फिर पत्नी के केस दर्ज करने और गुजारा भत्ता ना दे पाने के कारण उसे जेल जाना पड़ा हो। साथ ही केस की वजह से नौकरी जाने वाले लोग भी इस आश्रम में रह सकते हैं। 

1010

इस आश्रम में रहने वाले लोग अपनी क्षमता के अनुसार काम करते हैं और पैसे कमाकर फंड में जमा करते हैं। इसी से आश्रम का खर्च निकलता है। कई लोग यहां सालों से रह रहे हैं। उनके लिए तो अब ये परिवार जैसा हो गया है। 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos