शख्स के गाल से लटका है 30 किलो का ट्यूमर, रात को बिस्तर पर तकिया बना सो जाता है

Published : Jun 08, 2020, 10:24 AM ISTUpdated : Jun 08, 2020, 01:46 PM IST

हटके डेस्क: गरीबी एक ऐसा अभिशाप है जो इंसान को लाचार बना देता है। पैसों के बिना इंसान अपनी जरुरत की चीज तो छोड़िये, ऐसी चीजें, जो जान पर खतरा पैदा कर सकती है, वो भी पूरी नहीं कर पाता। अब इंडोनेशिया में रहने वाले 34 साल के आंद्रिएदि पुतरा को ही देख लीजिये। जन्म से ही उसे Neurofibromatosis नाम की जेनेटिक बीमारी है। इस बीमारी की वजह से उसके चेहरे से 30 किलो का ट्यूमर लटका हुआ है। लेकिन पैसों की तंगी के कारण वो अपनी सर्जरी नहीं करवा पा रहा। इस ट्यूमर के कारण आंद्रिएदि कहीं काम भी नहीं कर सकता और बेइंतहा दर्द के बीच जीवन बिता रहा है।   

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शख्स के गाल से लटका है 30 किलो का ट्यूमर, रात को बिस्तर पर तकिया बना सो जाता है

आंद्रिएदि जन्म से Neurofibromatosis नाम के जेनेटिक डिसऑर्डर का शिकार है। इस बीमारी में नर्व टिश्यू में ट्यूमर हो जाता है। 

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बीते 2 साल में आंद्रिएदि के चेहरे से लगा ये ट्यूमर काफी बड़ा हो गया है। लेकिन उसके और उसके परिवार वालों के पास पैसे नहीं हैं कि ट्यूमर को हटाने की सर्जरी करवा पाएं। 

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इस हालत के कारण आंद्रिएदि कहीं जॉब भी नहीं कर पा रहा। चेहरे से लटका विशाल ट्यूमर उसे काफी तकलीफ देता है। लेकिन उसके पास इस तकलीफ को सहने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। 

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अपनी हालत के बारे में लोगों से शेयर करते हुए आंद्रिएदि ने बताया कि 10 साल पहले ही डॉक्टर्स ने सर्जरी के लिए बोल दिया था। लेकिन इसमें बहुत खर्च होगा। इतना पैसा उनके पास नहीं है। इसलिए अब वो सिर्फ पॉजिटिव रहने की कोशिश करता है। 

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आंद्रिएदि अपने ट्यूमर से खुद ही डरा हुआ है। उसने बताया कि वो अपना चेहरा देखने से घबराता है। ट्यूमर चेहरे से लटका है, जिस वजह से उसे काफी तकलीफ भी होती है। 

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ये ट्यूमर काफी बड़ा है। पेट और छाती से भार करने पर इसका वजन 20 किलो है। लेकिन ओवरऑल इस ट्यूमर का वजन 30 केजी है। 
 

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जब आंद्रिएदि का जन्म हुआ था, तो ये ट्यूमर मात्र एक तिल की तरह दिखता था। उस समय सबको लगा कि ये बर्थमार्क है। लेकिन जैसे-जैसे आंद्रिएदि बड़े हुए, ये निशान भी बढ़कर ट्यूमर में बदल गया। 

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इस ट्यूमर की वजह से आंद्रिएदि को सांस लेने में दिक्कत होती है। साथ ही वो कोई काम भी नहीं कर पाता। आंद्रिएदि ने बताया कि उसे बेडरूम से बाथरूम जाने में भी परेशानी होती है। रात को सोने से पहले वो अपने ट्यूमर को पकड़ कर सर की तरफ कर लेता है, ताकि उसे तकलीफ ना हो। 
 

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दो साल से आंद्रिएदि घर से बाहर नहीं निकला है। वो  अपना सारा समय मोबाइल में लगा रहता है। वहीं उसके पेरेंट्स अपनी लाचारी के आगे हार गए हैं। अपने बेटे को इतनी तकलीफ में देखने के बाद भी वो कुछ नहीं कर सकते। 
 

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आंद्रिएदि इस ट्यूमर की वजह से काफी तकलीफ में है। उसने बताया कि पचास प्रतिशत कॉन्फिडेंस इस ट्यूमर ने खत्म कर दिया। लोग उसे अजीब सी नजरों से देखते हैं। लेकिन अब वो इस ट्यूमर को अपनी जिंदगी का हिस्सा मान कर जी रहा है। 

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उसके दोस्त और रिश्तेदार उसे सपोर्ट करते हैं। लेकिन किसी के पास इतने पैसे नहीं कि उसका इलाज किया जा सके। आंद्रिएदि ने सपोर्ट के लिए अपने  पेरेंट्स को थैंक्स कहा और वो अपने परिवार के साथ खुश है। 

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