5 स्टार होटल बने क्वारेंटाइन सेंटर्स, 14 दिन बाद भी घर नहीं जाना चाह रहे लोग, कहा- बाहर कोरोना है, यही रहने दो

हटके डेस्क: दुनिया कोविड 19 से जंग लड़ रही है। फिलहाल दुनिया में इस वायरस से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 26 लाख पहुंचने को है। साथ ही मौत का आंकड़ा भी 1 लाख 80 हजार पहुंचने वाला है। इस वायरस का कोई इलाज नहीं मिल पाया है। लेकिन लोग सोशल डिस्टेंसिंग के जरिये इसे हराने में जुटे हैं। चीन के वुहान से शुरू हुए इस वायरस ने आज दुनिया के कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। इसमें यूके भी शामिल है। भारत में भी कोरोना के कहर ने आतंक मचा रखा है। इस वायरस से संक्रमित लोगों के लिए देश की सरकारों ने क्वारेंटाइन सेंटर्स बना रखे हैं। जहां पाकिस्तान के क्वारेंटाइन सेंटर्स में बाथरूम तक की सुविधा नहीं दी गई है, वहीं यूके से मलेशिया लौटी एक लड़की ने वहां के क्वारेंटाइन सेंटर की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की, जहां से ये वायरल हो गया। देखिए कैसे कोरोना की तबाही में मलेशिया लोगों को 5 स्टार होटल जैसे कमरे में क्वारेंटाइन कर रहा है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 23, 2020 4:45 AM IST / Updated: Apr 23 2020, 12:26 PM IST

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5 स्टार होटल बने क्वारेंटाइन सेंटर्स, 14 दिन बाद भी घर नहीं जाना चाह रहे लोग, कहा- बाहर कोरोना है, यही रहने दो

मलेशिया में कोरोना ने धीरे-धीरे ही सही, तबाही मचाई है। यहां संक्रमितों की कुल संख्या 55 सौ के पार है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा लगभग सौ है। 

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बाहर से आए लोगों को इस देश में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन रहना अनिवार्य है। देश के मशहूर होटलों को क्वारेंटाइन सेंटर्स में बदला गया है।  
 

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इन होटल्स में हिल्टॉन और पैलेस ऑफ गोल्डन हॉर्स शामिल हैं। इन फाइव स्टार होटल्स में लोगों को सारी सुविधा दी जा रही है। 

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यूके से लौटी अबिरमय कोमरास्वामी नाम की लड़की ने सोशल मीडिया पर अपने क्वारेंटाइन में बिताए लम्हों की तस्वीर शेयर की है। 
 

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14 दिन तक अबिरमय मलेशिया के इम्पियना केेएलसीसी में क्वारेंटाइन रही। उसने वहां की सर्विसेस और कमरे की तस्वीर शेयर की।  
 

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अबिरमय ने बताया कि होटल के स्टाफ ने 14 दिन उसकी अच्छे से देखभाल की। पता नहीं लोग क्वारेंटाइन सेंटर्स में जाने से क्यों डरते हैं?

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अबिरमय ने बताया कि मलेशिया में सरकार कोरोना से लड़ने के लिए बेहतरीन तैयारी कर रही है। होटल में सबकुछ सिस्टेमेटिक था। किसी को कोई कंप्लेन नहीं थी। सबका अच्छे से ध्यान रखा गया। 

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समय पर सभी को कमरे में ही खाना दिया जा रहा था। कमरे साफ़-सुथरे और बड़े थे। वहां टीवी की सुविधा भी थी। साथ ही अटैच बाथरूम भी। 

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अबिरमय ने कोरोना फ्रंटलाइनर्स को भी थैंक्स कहा। साथ ही बताया कि लोगों  के बेहतर स्वास्थ्य के लिए ये लोग अपनी जान की परवाह किये बिना ड्यूटी कर रहे हैं। ऐसे में हमें घर पर ही रहना चाहिए। 
 

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