मां तो आखिर मां होती है...7 साल के बेटे की भूख मिटाने महिला ने 150 रु. में बेच दिए अपने बाल

तमिलनाडु: सालेम में रहने वाली प्रेमा की कहने इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। तीन बच्चों की मां प्रेमा अपने पति की मौत के बाद अकेले ही अपने बच्चों के साथ जिंदगी की तमाम मुश्किलों का सामना कर रही है। लेकिन इसी मुश्किल वक्त में एक दौर ऐसा आया, जब उसे अपने भूखे बच्चों को खाना खिलाने के लिए अपने बाल तक बेच देने पड़े। लेकिन आज सोशल मीडिया पर लोग प्रेमा की मदद के लिए सामने आ रहे हैं। इस मां की कहानी सभी को भावुक कर रही है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 3, 2020 6:18 AM IST / Updated: Feb 03 2020, 04:18 PM IST
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मां तो आखिर मां होती है...7 साल के बेटे की भूख मिटाने महिला ने 150 रु. में बेच दिए अपने बाल
तीन बच्चों की मां प्रेमा की जिंदगी में सबकुछ सही था। प्रेमा अपने पति सेल्वम के साथ ईंट भट्टी पर काम करती थी। परिवार ठीक चल रहा था कि तभी उसके पति ने खुद की भट्टी खोलने के लिए पैसे उधार लिए। लेकिन ये धंधा डूब गया। इसके बाद परिवार कर्ज में डूब गया।
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अपने सपने को डूबता देख सेल्वम काफी निराश हो गया। उसने अपनी जान दे दी। अब प्रेमा अपने पांच, तीन और दो साल के बच्चों के साथ अकेली रह गई। उसे परिवार भी चलाना था और लोगों से पति द्वारा लिया गया उधार भी चुकाना था। इसी दौरान वो बीमार हो गई। तीन महीने तक प्रेमा काम पर नहीं जा सकी।
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एक दिन उसका बेटा स्कूल से वापस आया और खाना मांगने लगा। भूख के कारण वो रो रहा था। प्रेमा से अपने बच्चों की तकलीफ देखी नहीं गई। वो तुरंत बाहर निकली। उसे याद आया कि पड़ोस के एक दुकान में बाल बेचे जा सकते हैं। उसने मात्र 150 रुपए में अपने बाल बेच दिए।
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इन पैसों से प्रेमा ने अपने बच्चों के लिए खाना ख़रीदा। 100 रुपए का खाना खरीदने के बाद बचे हुए पैसों से प्रेमा ने अपने लिए जहर खरीदना चाहा। लेकिन दुकानदार ने उसे जहर नहीं बेचा। जिसके बाद वो वापस घर लौट आई।
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प्रेमा की कहने समाज सेवा में लगे बाला को जब पता चली, तो उसे अपना बचपन याद आ गया। जब गरीबी से हारकर उसकी मां ने भी आत्महत्या करने की कोशिश की थी। लेकिन आज बाला ईंट भट्टी के मालिक हैं। उन्होंने प्रेमा से मुलाक़ात की और उसे कुछ पैसे भी दिए।
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बाला ने प्रेमा की कहानी सोशल मीडिया पर शेयर की। जिसके बाद कई लोग प्रेमा की मदद को सामने आए। सोशल मीडिया के सहारे बाला ने प्रेमा के लिए डेढ़ लाख रुपए जमा किये। इन पैसों से प्रेमा अपना उधार चुका पाई। लेकिन फिर प्रेमा ने बाला को किसी और से पैसे लेने से बंद कर खुद का काम कर कमाने की बात कही।
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आज प्रेमा दूध का बिजनेस कर रही है। अपने क़दमों पर खड़ी प्रेमा दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं।
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पति की मौत और तीन बच्चों को पालने की जिम्मेदारी आज प्रेमा अकेले ही उठा रही है।
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