शादीशुदा होने के बाद भी 'वर्जिन' मानी गई ये महिलाएं, इसलिए रह गईं कुंवारी
हिंदू धर्म के अनुसार शादी के बाद एक लड़की कुंवारी नहीं मानी जाती। यहां तक कि अगर महिला का तलाक हो जाए तो उसे डाइवोर्सी कहा जाता है। लेकिन एक बार शादी हो गई तो उसे कुंवारी नहीं कहा जाता। लेकिन हमारे पुराणों में कुछ ऐसी महिलाएं हैं, जिन्हें शादीशुदा होने के बावजूद कुंवारी कहा गया है। आज हम आपको ऐसी ही महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं।
कुंती: कुंती और पांडु का विवाह स्वयंवर में हुआ था। पांडु को ये श्राप मिला था कि जैसे ही वो किसी स्त्री को छुएंगे, उनकी मौत हो जाएगी। इस कारण कुंती ने पांडु से बिना संबंध स्थापित किये ही धर्मदेव से युधिष्ठिर, वायुदेव से भीम और इंद्रदेव से अर्जुन को पुत्र रूप में प्राप्त किया था। यही कारण है कि पांडु से विवाह के बावजूद उन्हें कौमार्य माना जाता है।
मंदोदरी: लिस्ट में दूसरा नंबर रावण की पत्नी मंदोदरी का है। रावण ने मंदोदरी की सुंदरता से मोहित होकर उनसे शादी की थी। रावण की मौत के बाद श्री राम के आग्रह पर विभीषण ने मंदोदरी को आश्रय दिया। लेकिन विभीषण के पास आश्रय लेकर भी मंदोदरी ने अपनी पवित्रता बनाई रखी। इसलिए उन्हें भी कौमार्य माना जाता है।
द्रौपदी: इस लिस्ट में आखिरी नाम आता है द्रौपदी का। पांडवों के विवाह के बावजूद उन्हें कुंवारी माना गया है। दरअसल, उन्हें कौमार्य होने का वरदान मिला था। इस कारण उनका कौमार्यपन हमेशा सुरक्षित रहा।
अहिल्या: इस लिस्ट में सबसे पहला नाम अहिल्या का आता है। अहिल्या गौतम ऋषि की पत्नी थीं। कहानी के अनुसार एक बार गौतम ऋषि जब नहाने गए थे, तो भगवान इंद्र उनका रूप धरकर अहिल्या के पास आए। उन्होंने अहिल्या के साथ समय बिताया। तभी गौतम ऋषि वहां पहुंच गए। अहिल्या ने अपने पति को सारी बात बताई। लेकिन अहिल्या अपने पति के प्रति निष्ठावान थी। उन्होंने इंद्र के साथ संबंध तो बनाए लेकिन उन्हें अपने पति गौतम ऋषि के रूप में देखकर। इसलिए अहिल्या की पवित्रता भंग नहीं हुई। और उन्हें कौमार्य ही माना गया।