मोदीजी के कारण भारत में तेजी से नहीं फैला कोरोना, 2014 में उठाया था ये अहम कदम
हटके डेस्क: दुनियाभर में कोरोना वायरस ने कहर मचाया है। वर्ड हेल्थ ऑरगेनाइजेशन के मुताबिक, दुनिया में फिलहाल वायरस से संक्रमित कुल लोगों की संख्या करीब 1 लाख 70 हजार है तो मौत का आंकड़ा भी करीब 7 हजार पहुंचने वाला है। इस बीच दुनियाभर में वैज्ञानिक इस वायरस का इलाज ढूंढने में लगे हैं। अभी तक इससे बचने का एकमात्र तरीका जो सामने आया है, वो है वायरस से संक्रमित लोगों से दूरी। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से ये वायरस स्वस्थ व्यक्ति को भी प्रभावित करता है। लेकिन अब एक नया शोध सामने आया है। इसके मुताबिक, ये वायरस इंसानी मल से भी फैलता है। इस आधार पर अगर भारत की बता करें, तो 2014 में शुरू हुए शौचालय निर्माण की प्रक्रिया के कारण ही भारत में खुले में शौच पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकी है। अगर ऐसा नहीं होता, तो शायद भारत में कोरोना का कहर भयंकर रूप से टूटता।
चीन के वुहान से शुरू कोरोना वायरस के बारे में अभी तक कहा जा रहा था कि ये संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। इसमें छूना, छींकना और खांसना शामिल है।
चीन की एक यूनिवर्सिटी ने अब इसे लेकर एक नया खुलासा किया है। इस रिसर्च में कहा गया कि ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के मल से भी फैलता है।
चीन की हांगकांग यूनिवर्सिटी ने ये रिसर्च किया। इसके मेडिसिन विभाग ने कोरोना वायरस के 14 मरीजों को अपनी रिसर्च में शामिल किया था।
14 मरीजों की बॉडी से अलग-अलग तरह के 339 सैंपल्स लिए गए। इनमें खून, मॉल, मूत्र, थूक आदि शामिल थे।
इसमें कई मरीजों के मूत्र, थूक में तो वायरस नहीं मिला। लेकिन एक ऐसी बात सामने आई, जिसने सभी को हैरान कर दिया।
सभी 14 मरीजों के मल में ये वायरस मिला। साथ ही सभी को संक्रमण भी इसी के जरिये हुआ था।
14 मरीजों में से 4 के खून में संक्रमण मिला। इस शोध में शामिल प्रोफेसर पॉल चैन ने बताया कि वैसे तो वायरस की पहचान थूक की जांच से हो जाती है फिर भी बाकी टेस्ट करवाने भी बहुत जरुरी है।
मल की जांच कोरोना वायरस की पहचान का कारगर तरीका साबित हो सकता है। ऐसे में इस रिसर्च ने दुनिया का ध्यान खींचा है। डॉक्टर्स अब कोरोना के टेस्ट के लिए स्टूल टेस्ट पर जोर दे रहे हैं।
बात अगर भारत की करें, तो यहां भी कोरोना वायरस ने पैर पसार दिए हैं। अभी तक वायरस ने तीन लोगों की जान ले ली है। 2014 में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने शौचालय निर्माण पर जोर दिया था। जिसके बाद देश में कई शौचालयों का निर्माण करवाया गया। उससे पहले लोग खुले में शौच करते थे।
2020 में जब कोरोना वायरस फैला, ऐसे में अगर अभी भी लोग खुले में शौच करते, तो आशंका है कि ये वायरस और तेजी से फैलता। गनीमत थी कि वायरस के आने से पहले ही देश के कई इलाके खुले में शौच से मुक्त हो गए।