Published : Feb 05, 2020, 01:49 PM ISTUpdated : Feb 05, 2020, 06:28 PM IST
फिलीपीन्स: पति-पत्नी का रिश्ता सात जन्मों के लिए होता है। लेकिन कई बार इस रिश्ते में खटास आ जाती है। रिश्ता इतना बिगड़ जाता है कि दो लोग एकसाथ नहीं रह पाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर दुनिया के कई देशों ने अपने संविधान में तलाक को शामिल किया। इसमें कुछ नियमों के अंतर्गत पति-पत्नी शादी के बंधन को तोड़ सकते हैं। लेकिन दुनिया में जहां कुछ ऐसे देश हैं, जहां तलाक की प्रक्रिया सरल है, वहीं कुछ ऐसे में देश हैं जहां तलाक लेना काफी मुश्किल है। वहीं दुनिया में एक ऐसा भी देश है, जहां तलाक लेना गैरकानूनी है। ये हैं फिलीपीन्स। लेकिन अब इस देश की कमिटी ने यहां तलाक को कानूनी मान्यता देने की पहल शुरू कर दी है।
फिलीपीन्स में 1999 से ही तलाक को कानूनी मान्यता देने की पहल चल रही है। लेकिन हर बार किसी ना किसी वजह से इसकी प्रक्रिया खारिज हो जाती है।
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लेकिन हाल ही में देश के हाउस ऑफ रिप्रेज़ेंटेटिव कमिटी ने तलाक को लीगल करने के लिए तीन महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अगर इस बिल को पारित कर दिया जाता है, तो यहां तलाक लीगल हो जाएगा।
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अभी इस देश में कपल तलाक नहीं ले सकते। अभी तक इस देश के कानून के मुताबिक, कपल जिन्हें साथ नहीं रहना वो मात्र अलग रहने के लिए केस फ़ाइल कर सकते हैं।
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इसके बाद वो अलग रह सकते हैं और एक दूसरे से अलग प्रॉपर्टी ले सकते हैं। लेकिन दोनों का तलाक नहीं होता। इस कारण दोनों दूसरी शादी नहीं कर सकते।
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कैथोलिक धर्म के मुताबिक, तलाक अच्छी चीज नहीं है और इसे ईश्वर के अपमान से तौला जाता है। इस कारण चर्च यहां तलाक की इजाजत नहीं देता।
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हालांकि, देश में रहने वाले मुस्लिम लोग तलाक ले सकते हैं। वैसे जो लोग जो कोड ऑफ मुस्लिम पर्सनल लॉ के अंदर आते हैं, वो ही यहां तलाक ले सकते हैं।
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चिली में भी तलाक लेने की प्रक्रिया काफी मुश्किल है। यहां तलाक लेने के लिए पति-पत्नी को एक से तीन साल तक अलग रहना जरुरी है। साथ ही तलाक की कोई बड़ी वजह होनी चाहिए।
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बात अगर जापान की करें तो यहां तलाक मात्र एक कागज़ पर साइन कर मिल तो जाता है। लेकिन महिलाएं तलाक के अगले 6 महीने तक शादी नहीं कर सकती। जबकि पुरुष आराम से शादी कर सकते हैं।
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मिस्र देश में तो तलाक की अजीब स्थिति है। यहां पुरुष आराम से महिला को तलाक दे सकते हैं लेकिन अगर महिला ऐसा करना चाहती है तो पहले उसे अपने पति से इजाजत लेनी पड़ती है। इसके बाद ही वो अदालत जा सकती है।