विदेशी अस्पतालों में इतनी सुविधाओं के बीच भी मर रहे हैं लोग, भारत में अगर ऐसे फैला कोरोना तो जरा सोचिये...
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। अब अमेरिका में यह तेजी से फैलता जा रहा है। कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर न्यूयॉर्क में हुआ है, लेकिन दूसरे राज्यों में भी इसका खतरा कम नहीं है। कुछ लोगों का मानना है कि शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्पति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना के खतरे को गंभीरता से नहीं लिया, जिसका खामियाजा अब लोगों को भुगतना पड़ रहा है। अमेरिका में कुल 367,650 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, वहीं करीब 1100 लोग मौत के शिकार हो चुके हैं। सिर्फ न्यूयॉर्क में ही कोरोना पीड़ितों की संख्या 69,000 हो गई है। कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिस रफ्तार से कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है, उसे देखते हुए 16 अप्रैल तक सिर्फ न्यूयॉर्क में 2,000 लोगों की मौत हो सकती है। कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अमेरिका में युद्ध स्तर पर व्यवस्था की जा रही है। न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क में टेंट हॉस्पिटल तैयार किया गया है, वहीं मैनहट्टन के जैविट्स सेंटर के हेल्स किचन को आर्मी ने 2,500 बेड के हॉस्पिटल में बदल दिया है। यूएसएनएस कम्फर्ट नेवी शिप न्यूयॉर्क हार्बर में खड़ा है। प्रेसिंडेट ट्रम्प अगले सप्ताह तक जरूरत पड़ने पर कोरोना के मरीजों का इस शिप हॉस्पिटल में इलाज किए जाने का आदेश जारी कर सकते हैं। कोरोना के मरीजों का इलाज करने के लिए यूएस आर्मी सोल्जर्स की 44वीं मेडिकल ब्रिगेड टेक्सास और केन्टुकी में तैनात की गई है। अमेरिका युद्ध स्तर पर कोरोना से मुकाबला कर रहा है। देखें इससे जुड़ी तस्वीरें।
आर्मी के हेल्थ वर्कर कोरोना के एक मरीज को एम्बुलेंस से अस्पताल ला रहे हैं।
मेडिकल स्टाफ करोना के एक मरीज को इलाज के लिए अल्पताल के भीतर ले जाते हुए। सभी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद हैं।
जैविट्स न्यूयॉर्क मेडिकल स्टेशन पर सोल्जर्स स्थानीय आपदा प्रबंधन वर्कर्स के साथ मिल कर कोरोना मरीजों की भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर रहे हैं।
जैविट्स न्यूयॉर्क मेडिकल स्टेशन पर आर्मी के मेजर सियान शर्ले अपने स्टाफ के साथ मीटिंग कर रहे हैं।
जैविट्स न्यूयॉर्क मेडिकल स्टेशन पर सोल्जर्स कोरोना मरीजों की इन्सेंटिव केयर यूनिट के बाहर बैठ कर निगरानी करते हुए।
जैविट्स न्यूयॉर्क मेडिकल स्टेशन पर इन्टेंसिव केयर यूनिट में भर्ती एक कोरोना मरीज के इलाज में लगी आर्मी की डॉक्टर।
यूएस नेवी के डॉक्टर जैविट्स न्यूयॉर्क मेडिकल स्टेशन पर कोरोना के एक मरीज का ब्लड प्रेशर मापते हुए। दूसरे लोग भी अपने-अपने काम में लगे हुए हैं।
जैविट्स न्यूयॉर्क मेडिकल स्टेशन पर एक स्टाफ सार्जेंट इन्टेंसिव केयर यूनिट में एक इक्विपमेंट की क्वालिटी की जांच करते हुए। इससे मरीजों के सैम्पल टेस्ट किए जाते हैं।
सैनिक एक पोर्टेबल एक्स-रे मशीन को ठीक जगह पर लगा रहे हैं।
आर्मी के मेजर अपने स्टाफ को अलग-अलग जिम्मेदारियां देने के लिए उनके साथ मीटिंग कर रहे हैं।
जैविट्स न्यूयॉर्क मेडिकल स्टेशन पर सैम्पल की जांच करने वाले एक इक्विपमेंट की क्वालिटी को परखते हुए आर्मी के दो स्टाफ।
आर्मी का एक जवान जैविट्स न्यूयॉर्क मेडिकल स्टेशन पर एक मरीज की देखभाल कर रहा है।
जैविट्स न्यूयॉर्क मेडिकल स्टेशन पर एक मेडिकल अफसर कोरोना के एक मरीज की चांज करने के बाद डिटेल्स लिख रहा है।
इन्टेंसिव केयर यूनिट में सोल्जर्स को मरीजों का चार्ट मेंटेन कर के रखना होता है।
जैविट्स न्यूयॉर्क मेडिकल स्टेशन पर आर्मी का एक टेक्नीशियन मोबाइल लैब यूनिट में वेंटिलेटर को असेंबल कर रहा है।
हॉस्पिटल के रिसेप्शन पर बैठे आर्मी के दो स्टाफ। इनका काम लोगों को हर जरूरी जानकारी मुहैया कराना है।
टीसीएफ सेंटर के फ्लोर को टीक से साफ किया जा रहा है। इसके बाद ही 6 अप्रैल को यहां कोरोना के मरीजों की भर्ती शुरू की गई।
एक सैनिक डेट्राइट के टीसीएफ सेंटर पर वॉकर को ठीक कर रहा है।