इस मस्जिद के अंदर रखे हैं ताबूत ही ताबूत, हो चुकी हैं इतनी मौतें कि लाशों को रखने की नहीं बची है जगह

Published : Apr 20, 2020, 11:33 AM ISTUpdated : Apr 20, 2020, 11:39 AM IST

कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में बढ़ता ही चला जा रहा है। अब तक दुनिया भर में इससे 1 लाख 65 हजार लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं करीब 24 लाख 7 हजार से भी ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं। ब्रिटेन में 16,060 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है और 120,067 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। बर्मिंघम के सेंट्रल जामिया मस्जिद घमकोल शरीफ में सैकड़ों की संख्या में कोरोना से मौत का शिकार हुए लोगों की लाशें रखी गई हैं। वहां इन शवों को रखने के लिए कॉफीन मंगवा कर रखे गए हैं। इतने शवों को कहां दफनाया जाए, यह एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। फिलहाल, शवों को एक टेंट में रखा जा रहा है। शवों को सुरक्षित रखने के लिए 5 बड़े फ्रिज का इंतजाम किया गया है। वेस्ट मिडलैंड स्थित मस्जिद में टेंट का जो मुर्दाघर बनाया गया है, उसमें एक साथ 150 शवों को रखा जा सकता है। मृतकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यहां जगह कम पड़ रही है। देखें इस मस्जिद के अंदर की तस्वीरें।      

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इस मस्जिद के अंदर रखे हैं ताबूत ही ताबूत, हो चुकी हैं इतनी मौतें कि लाशों को रखने की नहीं बची है जगह

बर्मिघंम के स्मॉल हीथ स्थित सेंट्रल जामिया मस्जिद घमकोल शरीफ में कोरोना से मौत का शिकार हो चुके लोगों के शवों को रखने के लिए कॉफीन रखता मास्क और ग्लव्ज पहना एक वॉलन्टियर। 

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मस्जिद में हर तरफ कॉफीन ही कॉफीन दिख रहे हैं। ब्रिटेन में कोरोना से अल्पसंख्यक लोगों की काफी मौतें हुई हैं। 

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कोरोना से मौत का शिकार हुए लोगों के शवों को रखने के लिए टेंट का मुर्दाघर बनाया गया है। यहां चारों तरफ कॉफीन ही दिखाई पड़ रहे हैं। 

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मस्जिद के बाहर शवों को रखने के लिए टेंट का मुर्दाघर बनाया गया है। इसमें सैकड़ों लाशें रखी गई हैं। 

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लाशों को सुरक्षित रखने के लिए फ्रिज का इंतजाम किया गया है। मॉस्क और ग्लव्ज पहने एक वॉलन्टियर काम में व्यस्त नजर आ रहा है। 

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ऐसा बुरी हालत पहले कभी पैदा नहीं हुई थी। कोरोना से इतनी ज्यादा मौतें होने से लोगों में खौफ है। 

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टेंट में कॉफीन को रखने के इंतजाम में वॉलन्टियर्स लगे हैं। कोरोना से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है। 

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मस्जिद में बनाए गए टेंट के मुर्दाघर के अंदर जा रहा एक वॉलन्टियर। लाशों को सुरक्षित रखना एक बड़ी समस्या है। इसके लिए कई तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं। 

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टेंट के बनाए गए टेम्पररी मुर्दाघर से बाहर निकलता  एक वॉलन्टियर। ये वॉलन्टियर यहां दिन-रात काम में लगे हैं। अपनी सुरक्षा का भी इन्हें काफी ख्याल रखना पड़ता है। 

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टेंट का बना यह मुर्दाघर काफी बड़ा है। यहां कॉफीन में शवों को रखा गया है। हर तरफ मौत का भयावह सन्नाटा पसरा हुआ है।  

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इतने शवों को दफनाने का इंतजाम करना आसान नहीं है। इस काम के लिए ज्यादा वॉलन्टियर भी नहीं हैं। 

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बर्मिंघम के वेस्ट मिडलैंड स्थित मस्जिद और उसके बाहर बने टेंट के मुर्दाघर का एक दृश्य। इस संकट से जूझना अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए आसान नहीं है। 

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