World Environment Day 2020: पृथ्वी के लिए वरदान साबित हुआ लॉकडाउन, 3 महीने में इतनी साफ हुई हवा

Published : Jun 05, 2020, 09:31 AM ISTUpdated : Jun 05, 2020, 12:34 PM IST

हटके डेस्क: 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल की तरह इस साल भी इस दिन का एक ख़ास थीम रखा गया है। इस साल का थीम है 'प्रकृति के लिए समय'। दुनिया ने तेजी से तरक्की की। लेकिन इस तरक्की में जिसका सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, वो है पृथ्वी। हवा दूषित हुई, नदियां प्रदूषित हुई और इसका काफी बुरा असर पर्यवारण पर देखने को मिला। साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण दुनिया के कई हिस्सों को लॉकडाउन किया गया। इस लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर कम गाड़ियां निकली। फैक्ट्रीज बंद हो गई, जिसकी वजह से हवा में और नदियों में प्रदुषण का लेवल कम हो गया। लॉकडाउन का दुनिया के कई देशों में अगर एक पॉजिटिव इम्पैक्ट पड़ा है, तो वो है पर्यावरण का साफ़ होना। आज हम आपको तस्वीरों में दिखाने जा रहे हैं, कैसे लॉकडाउन में पर्यावरण ने खुद हो हील किया है।  

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World Environment Day 2020: पृथ्वी के लिए वरदान साबित हुआ लॉकडाउन, 3 महीने में इतनी साफ हुई हवा

जिस गंगा नदी को साफ़ करने के लिए सरकार ने सालों में करोड़ों रूपये फूंक दिए, उसका पानी लॉकडाउन में पीने लायक हो गया। ऐसा इसलिए पॉसिबल हो पाया कि लॉकडाउन में फैक्ट्रीज बंद हो गई। इस कारण फैक्टरियों का गन्दा पानी गंगा में नहीं मिल पाया। 

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जब लॉकडाउन में इंसान घरों में बंद हैं, तब सड़कों पर जानवर आराम से घूम रहे हैं। तुगलकाबाद में नील गाय आराम से सड़कों पर घूमती नजर आई।  

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हवा में प्रदुषण का स्तर कम होने से बीते 30 साल में पहली बार करीब 200 किलोमीटर की दुरी से लोगों को हिमालय की चोटियां नजर आई।  इसकी तस्वीरें तेजी से वायरल हुई। 

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बात अगर विदेशों की करें, तो वहां भी लॉकडाउन की वजह से बदलाव देखने को मिले। वेनिस में कनाल इतने साफ़ हो गए कि अंदर तैरती मछलियां भी साफ दिखाई देने लगी।  

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ब्रिटेन में जहां पहले सड़कों ओर सिर्फ गाड़ियां दौड़ती नजर आती थी, इस बार पहाड़ों से उतरकर जानवर घूम रहे हैं। ऐसा नजरा ब्रिटेन ेमिन इससे पहले कभी नहीं देखा गया था।  

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चूंकि लॉकडाउन में फैक्ट्रीज बंद हैं, इसलिए हवा में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा काफी कम हो गई है। इससे हवा में प्रदुषण का लेवल काफी कम हो गया है। 

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लेकिन ये भी सच है कि जैसे-जैसे लॉकडाउन खुलेगा, हवा में फिर से जहर घुलने लगेगा। इसका ताजा उदाहरण चीन में  देखने को मिला, जहां जैसे ही फैक्ट्रीज खुली, हवा का स्तर खराब हो गया। 

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ऐसे में भारत को भी ध्यान रखना है कि लॉकडाउन में जो प्रकृति को फायदा पंहुचा है, उसे फिर से खराब ना करें। इसके लिए पेड़-पौधे लगाएं और दुनिया को साफ़ बनाए रखने में मदद करें। 

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