कोरोना से हो चुकी 180 की मौत, यूरोप का अकेला देश जहां नहीं लगा लॉकडाउन, लोग कर रहे पार्टियां

स्टॉकहोल्म. दुनिया के 199 देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं। अब तक करीब 42 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। यूरोप इस महामारी से बुरी तरह से प्रभावित है। यूरोप के इटली, स्पेन, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस हर तरफ हाहाकार मचा है। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया है। लेकिन यूरोप में एक ऐसा भी देश है, जो अभी भी इस खतरे से अंजान है। यहां अभी भी स्कूल, मॉल, बाजार सब खुले हैं। लोग आम जीवन जी रहे हैं। हम बात कर रहे हैं स्वीडन की।

Asianet News Hindi | Published : Apr 1, 2020 8:50 AM IST

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कोरोना से हो चुकी 180 की मौत, यूरोप का अकेला देश जहां नहीं लगा लॉकडाउन, लोग कर रहे पार्टियां
ऐसा नहीं है कि स्वीडन कोरोना महामारी से अछूत हो। यहां संक्रमण के 4400 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहीं, 180 लोगों की मौत हो चुकी है। इन सब के बावजूद यहां के लोग और सरकार बेफिक्र नजर आ रही है।
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डेली मेल की खबर के मुताबिक, यूरोप के बड़े देशों में स्वीडन ही केवल ऐसा देश है, जहां अभी भी स्कूल, रेस्टोरेंट और दफ्तर सब खुले हैं। सरकार द्वारा अभी तक कोई कड़े कदम ना उठाने के चलते लोगों को परेशानी में डाल दिया है।
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हालांकि, सरकार ने हाल ही में कहा है कि लोग जितना हो सके, घर से काम करें और जिनकी उम्र 70 साल से ऊपर है, वे घर पर रहें। हालांकि, अभी तक यहां लॉकडाउन जैसा कोई कदम नहीं उठाया गया है। जबकि यहां अब तक 180 लोगों की महामारी से मौत हो चुकी है।
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स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोल्म में अभी भी लोग खुले तौर पर रेस्टोरेंट में पार्टी करते नजर आ रहे हैं। जबकि स्वीडन के लगभग सभी पड़ोसी देशों में लॉकडाउन लगा हुआ है।
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स्वीडन की सोशल डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार ने सिर्फ अभी तक यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों को बंद किया है और रेस्तरां और बारों में आदेश दिया है कि वे लोगों की टेबल पर जाकर ही सर्व करें।
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इसके अलावा यहां पब्लिक गैदरिंग पर रोक है। लेकिन 50 या उससे ज्यादा लोगों पर। यह यूरोप के अन्य देशों की तुलना में काफी हल्का है। ब्रिटेन में 2 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है।
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वहीं, स्वीडन में 16 साल से कम उम्र के बच्चे अभी भी स्कूल जा रहे हैं। यहां रेस्टोरेंट और बार में अभी भी भीड़ देखी जा सकती है। लोग पार्टी करते हुए नजर आ रहे हैं।
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हालांकि, स्वीडन में अन्य देशों की तुलना में कोरोना वायरस देर में पहुंचा। यहां पहली मौत 11 मार्च को हुई। उस वक्त ब्रिटेन में कोरोना वायरस से 8 जबकि, इटली में 800 लोगों की मौत हो चुकी थी।
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स्वीडन के सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, यहां कोरोना से हर एक मिलियन लोगों पर 14 की मौत हुई है। वहीं, इटली में यह 192 और स्पेन में यह 157 है।
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हालांकि, जानकारों की मानें तो यह आंकड़े भ्रमित करने वाले हैं। दरअसल, यह कमी इसलिए है क्योंकि कोरोना का संक्रमण स्वीडन में देर से शुरू हुआ।
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इस सबके बावजूद स्वीडन में संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। यहां अब तक 4400 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। यह आंकड़ा ब्रिटेन से ज्यादा है।
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वहीं, स्वीडन के पड़ोसी डेनमार्क, फिनलैंड और नॉर्वे की बात करें को यहां अभी तक काफी कम मौतें हुई हैं। फिर भी इन देशों की सरकार ने कड़े प्रतिबंध लगाते हुए लॉकडाउन कर रखा है।
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स्वीडन में सिर्फ सरकार ही नहीं, लोग भी काफी लापरवाह नजर आ रहे हैं। यहां शनिवार को पार्कों, बार और रेस्टोरेंट में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। जबकि स्वीडन के पड़ोसी देशों में लगातर मौतों के आंकड़े बढ़ रहे हैं।
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स्वीडन इटली, स्पेन से सीख नहीं ले रहा है। ऐसे में यह लापरवाही स्वीडन के लिए काफी महंगी साबित हो सकती है।
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