मिल गई कोरोना की दवा? इजरायल का दावा- हमने बना ली वैक्सीन, शरीर के अंदर ही वायरस का होगा खात्मा

यरुशलम. कोरोना का संकट दुनिया में बढ़ता जा रहा है। जिसे रोकने के लिए तमाम देश वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। अलग-अलग देशों के वैज्ञानिक वैक्सीन को लेकर तमाम दावे कर रहे हैं। इन सब के बीच इजरायल के रक्षा मंत्री नफताली बेन्‍नेट ने सोमवार को दावा किया कि देश के डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्‍टीट्यूट ने कोरोना वायरस का टीका बना लिया है। उन्‍होंने कहा कि इंस्‍टीट्यूट ने कोरोना वायरस के एंटीबॉडी को तैयार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। 

Asianet News Hindi | Published : May 5, 2020 6:19 AM IST / Updated: May 05 2020, 12:40 PM IST
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मिल गई कोरोना की दवा? इजरायल का दावा- हमने बना ली वैक्सीन, शरीर के अंदर ही वायरस का होगा खात्मा

रक्षा मंत्री बेन्‍नेट ने बताया कि कोरोना वायरस वैक्‍सीन के व‍िकास का चरण अ‍ब पूरा हो गया है और शोधकर्ता इसके पेटेंट और व्‍यापक पैमाने पर उत्‍पादन के लिए तैयारी कर रहे हैं। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्‍याहू के कार्यालय के अंतर्गत चलने वाले बेहद गोपनीय इजरायल इंस्‍टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रीसर्च के दौरे के बाद बेन्‍नेट ने यह ऐलान किया। 

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रक्षा मंत्री के मुताबिक यह एंटीबॉडी मोनोक्‍लोनल तरीके से कोरोना वायरस पर हमला करती है और बीमार लोगों के शरीर के अंदर ही कोरोना वायरस का खात्‍मा कर देती है। बयान में कहा गया है कि कोरोना वायरस के वैक्‍सीन के विकास का चरण अब पूरा हो गया है। 

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रक्षा मंत्री ने कहा, डिफेंस इंस्‍टीट्यूट अब इस टीके को पेटेंट कराने की प्रक्रिया में है। इसके अगले चरण में शोधकर्ता अंतरराष्‍ट्रीय कंपनियों से व्‍यवसायिक स्‍तर पर उत्‍पादन के लिए संपर्क करेंगे। बेन्‍नेट ने कहा, 'इस शानदार सफलता पर मुझे इंस्‍टीट्यूट के स्‍टाफ पर गर्व है।' रक्षा मंत्री ने अपने बयान में यह नहीं बताया कि क्‍या इस वैक्‍सीन का इंसानों पर ट्रायल किया गया है या नहीं।

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अमेरिका ने रेमडेसिवीर को माना मददगार 
अमेरिका में इबोला वायरस के मरीजों के लिए बनाई गई रेमडेसिवीर दवा कोरोना के संक्रमण को रोकने में मददगार साबित हुई है। इसके साथ ही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि इन दवाओं से कोरोना के संक्रमण पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। इन सब के बीच अमेरिकी सरकार ने इलाज के लिए इन दवाओं को मंजूरी दे दी है।
 

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गंभीर रूप से बीमार लोग औसतन 11 दिन में हो रहे स्वस्थ
बताया जा रहा है कि जिन लोगों को रेमेडेसिविर दवा दी गई उन्हें औसतन 11 दिन में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इससे पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के एंथनी फॉसी ने बताया था कि यह दवा गंभीर रूप से बीमार कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में कारगर होगी।

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अभी इस दवा का इस्तेमाल मामूली रूप से बीमार मरीजों पर नहीं किया गया है। एफडीए ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए सबसे पहले हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी।

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दुनियाभर में 2 लाख 52 हजार मौतें 
बेन्‍नेट ने अपने बयान में कहा कि इजरायल अब अपने नागरिकों के स्‍वास्‍थ्‍य और अर्थव्‍यवस्‍था को फिर से खोलने की प्रक्रिया में संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है। इजरायल के रक्षा मंत्री का यह दावा अगर सही है तो कोरोना से कराह रही दुनिया के लिए उम्‍मीद की किरण खुल जाएगी। कोरोना वायरस से अब तक दुनियाभर में 2,52,407 लोग मारे गए हैं और 36 लाख से ज्‍यादा लोग इससे संक्रमित हैं।

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साल के अंत तक उपलब्ध होगा कोविड-19 के लिए टीकाः ट्रंप
कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर में वैक्‍सीन बनाने का काम चल रहा है। ब्रिटेन की ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी इंसानों पर सबसे बड़ा ट्रायल कर रही है। उधर, चीन और अमेरिका में भी इंसानों पर बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्‍सीन का ट्रायल चल रहा है। भारत की भी कई कंपनियां कोरोना का वैक्‍सीन बनाने में जुटी हुई हैं।

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