रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि मार्स रोवर परमाणु ऊर्जा से भेजा जाएगा। यानी, पहली बार किसी रोवर में प्लूटोनियम को ईंधन के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। यह रोवर मंगल ग्रह पर 10 साल तक काम करेगा। इसमें 7 फीट का रोबोटिक आर्म, 23 कैमरे और एक ड्रिल मशीन है। ये मंगल ग्रह की तस्वीरें, वीडियो और नमूने लेंगे।