नासा के मुताबिक, पर्सीवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल पर कार्बन डाई-ऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने का काम करेंगे। इसके अलावा मंगल की जमीन के नीचे पानी की खोज और जीवन के अंश तलाशेंगे। इसका मार्स एनवायर्नमेंटल डायनामिक्स ऐनालाइजर (MEDA) मंगल ग्रह के मौसम और जलवायु का अध्ययन करेगा।
ऐसे होंगे आखिरी 7 मिनट
भारतीय समयानुसार रात 12.45 बजे इसे लैंड कराने की कोशिश होगी। इस मिशन पर पिछले 10 साल से काम चल रहा था। इसे पिछले साल कोरोना महामारी के बीच जुलाई में लॉन्च किया गया था। यह अब तक के मिशन का सबसे एडवांस रोवर है। बता दें कि पृथ्वी से मंगल ग्रह की दूरी 29.25 करोड़ मील है।
Perseverance में 23 कैमरे हैं, जो वीडियो और आवाजें रिकॉर्ड करेंगे। इसमें दो माइक्रोफोन भी हैं। लैडिंग से 7 मिनट पहले इसकी स्पीड 12000 मील प्रति घंटे होगी, जिसे जीरो पर आना होगा। इसकी स्पीड घटाने पैराशूट और रेट्रोरॉकेट लगाए गए हैं। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अगर मंगल पर कभी जीवन रहा होगा, तो उसके जीवाश्म मिल सकते हैं।