Published : Mar 27, 2020, 11:40 PM ISTUpdated : Mar 27, 2020, 11:42 PM IST
नई दिल्ली. काबुल में गुरुद्वारे में हुए हमले में केरल का रहने वाला एक युवक भी शामिल था। इसने 2016 में भागकर 14 अन्य लोगों के साथ ISIS ज्वाइन किया था। आतंकी संगठन ने इस हमलावर की फोटो भी शेयर की थी, जो गुरुद्वारे में हमला करने वाले 4 आतंकवादियों में शामिल था। इसमें में 25 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। ISIS में शामिल होने के बाद इस आतंकी का नाम अबू खालिद अल हिंदी कर दिया गया था, जबकि केरल में इसे लोग मोहम्मद साजिद कुथिरुलमाल नाम से जानते थे। 2016 से ही केरल पुलिस इसकी तलाश कर रही है। 2016 में ही एक दंपति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका बेटा अपनी पत्नी और बच्चे के साथ 2 महीने से गायब है। उस समय उनके मुबंई में होने की बात कही गई थी।
केरल के कासरगोड में मोहम्मद साजिद पहले दुकानदारी करता था।
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केरल के कासरगोड में साल 2016 में मोहम्मद साजिद के अलावा 13 अन्य लोगों के लापता होने की रिपोर्ट लिखवाई गई थी।
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शुरुआती जांच के बाद कहा गया था कि ये सभी 14 लोग ISIS में शामिल हो गए थे।
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दिल्ली के जामिया नगर में रहने वाली यास्मीन मोहम्मद ने इन सभी लोगों को आतंकी संगठन में भर्ती कराया था।
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यास्मीन को साल 2016 में ही दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, जब वो अफगानिस्तान भागने की फिराक में थी।
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यास्मीन मोहम्मद अपने साथी अब्दुल राशिद के साथ मिलकर ISIS के लिए पैसे जुटाने और लोगों को इस संगठन में शामिल कराने का काम करती थी।
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अब्दुल राशिद ने कासरगोड के कई युवाओं को भारत छोड़कर इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था।
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राशिद कासरगोड सहित कई जगहों पर युवाओं को ISIS में शामिल कराने के लिए क्लास भी आयोजित करता था।
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गुरुद्वारे में हुए हमले में मारे गए सभी लोग सिख समुदाय के हैं। यहां सिख समुदाय अल्पसंख्यकों की सूची में शामिल हैं।
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सिख समुदाय के लोगों ने इस हमले को लेकर जांच की बात कही है। उन्होंने बताया कि गुरुद्वारे में पढ़ रहे बच्चों के सामने उनके शिक्षकों को मौत के घाट उतार दिया गया।