10 लाख का नोट जारी करने वाला ये बना दुनिया का पहला देश, भारत में महज 36 रुपए है इसकी कीमत

काराकास. दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएल ने आर्थिक तंगी और भयंकर मुद्रास्फिति से निपटने के लिए 10 लाख बोलिवर का नया नोट जारी किया है। इसी के साथ वेनेजुएल ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है। इससे पहले दुनिया के किसी देश ने इतना बड़ा करेंसी नोट नहीं छापा था। वेनेजुएला के वर्तमान मुद्रास्फीति के अनुसार, 10 लाख बोलिवर की कीमत आधा अमेरिकी डॉलर और भारतीय करंसी में 36 रुपए के बराबर होगा। इतने में तो भारत आधा लीटर पैट्रोल भी नहीं आएगा। वहां पर लोगों के भूखे मरने की नौबत आ गई है। कभी वो तेल के बूते अगाध संपन्न था। वहां पर इस समय आलम ये है कि लोग लोग बैग और बोरों में भरकर नोट लेकर जाते हैं और हाथ में टंगी पालीथीन में घर के लिए सामान खरीदकर लाते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 6, 2021 3:25 PM IST
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10 लाख का नोट जारी करने वाला ये बना दुनिया का पहला देश, भारत में महज 36 रुपए है इसकी कीमत

जारी किए जाएगा 2 लाख और 5 लाख के नोट

वेनेजुएला के केंद्रीय बैंक ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को देखते हुए इतनी बड़ी करंसी नोट को जारी करना पड़ा है। अगले हफ्ते में दो लाख बोलिवर और पांच लाख बोलिवर के नोट भी जारी कर दिए जाएंगे। वर्तमान में वेनेजुएला में 10 हजार, 20 हजार और 50 हजार बोलिवर के नोट प्रचलन में हैं। वेनेजुएला में भारत के 1 रुपए की कीमत 25584.66 बोलिवर है।
 

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पिछले साल से लगाई जा रही थी नोट छापने की अटकलें

पिछले साल ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि वेनेजुएला की सरकार जल्द ही 10 लाख बोलिवर (वहां का रुपया) का नोट छापने जा रही है। इसके लिए इटली की एक फर्म से 71 टन सिक्योरिटी पेपर का आयात किया गया था। इस फर्म का स्वामित्व इटली की कंपनी बैन कैपिटल के पास है, जो दुनिया के कई देशों को सिक्योरिटी पेपर का निर्यात करती है। कस्टम की रिपोर्ट में सिक्योरिटी पेपर को मंगाए जाने की बात का खुलासा हुआ है।

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10 लाख में आएगा आधा किलो चावल

वेनेजुएला में 10 लाख बोलिवर के नोट अब सबसे बड़े मूल्यवर्ग के नोट बन गए हैं। हालांकि, इसकी कीमत तब भी आधा यूएस डॉलर ही है। इतने रुपए में भारत में केवल दो किलो आलू या आधा किलो चावल ही खरीद पाएंगे। वहां की सरकार लोगों को सहूलियत देने के लिए बड़े मूल्यवर्ग के नोटों को छापने की योजना बना रही है, जिससे आम लोग बड़ी संख्या में नकदी को लेकर जाने से बचे सकेंगे।

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लाखों लोगों के पास नहीं दो वक्त के खाने के पैसे 

वहीं, अगर वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था की बात की जाए तो हालत अब ये हो गई है कि देश को सोना बेचकर सामान खरीदना पड़ रहा है। वेनेजुएला में लाखों लोग भूखे पेट सोते हैं। क्योंकि उनके पास खाने के लिए खाना नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वेनेजुएला में लगभग 700,000 लोग ऐसे हैं, जिनके पास दो वक्त का खाना खरीदने भर के पैसे नहीं है। यूनाइटेड नेशन फूड प्रोग्राम एजेंसी ने फरवरी में कहा था कि वेनेजुएला के हर तीन में से एक नागरिक के पास खाने के लिए भोजन नहीं है। वर्तमान समय में कोरोना के कारण हालात और ज्यादा खराब हो गए हैं।

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देश छोड़ रहे वेनेजुएला के लोग

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बताया जा रहा है कि 2013 के बाद लगभग 30 लाख लोग अपने देश को छोड़कर पड़ोसी देश ब्राजील, कंबोडिया, इक्वाडोर और पेरू में शरण लिए हुए हैं। हालात, यहां तक खराब हैं कि इन देशों ने वेनेजुएला की सीमा पर अपनी फौज को तैनात किया हुआ है। वर्तमान समय में यह दुनिया के किसी देश में हुआ सबसे बड़ा विस्थापन है।

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वेनेजुएला की क्या है समस्याएं

अगर वेनेजुएला की समस्या की बात की जाए कि करंसी की कीमत घटना, बिजली कटौती और मूलभूत जरूरतों वाली चीजें महंगी होना। वेनेजुएला में हाइड्रो-पावर का बहुत यूज होता है। 2015 में पड़े सूखे की वजह से यहां बिजली का उत्पादन गिर गया। बिजली का संकट इतना बढ़ गया था कि अप्रैल 2016 में सरकार ने फैसला लिया कि अब से सरकारी दफ्तर सिर्फ सोमवार और मंगलवार को चलेंगे। वेनेजुएला में मुद्रास्फीति 2,600 प्रतिशत से अधिक चल रही है।

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