Mangal Gochar 2022: 1975 में मंगल के वक्री स्थिति में लगा था आपात काल, 47 साल बाद फिर बनी ऐसी ग्रह दशा

Mangal Gochar 2022: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को सौर मंडल का सेनापति कहा जाता है। देवताओं में शामिल होने के बाद ही इस ग्रह को क्रूर कहा जाता है। इस ग्रह के कारण कई शुभ-अशुभ योग बनते हैं, जिसका असर सीधे हमारे जीवन पर होता है।

उज्जैन. ज्योतिषियों के अनुसार, हर ग्रह एक निश्चित समय पर राशि बदलता है, मंगल भी इनमें से एक है। 14 नवंबर को मंगल ने वक्री अवस्था में मिथुन से निकलकर वृष राशि में प्रवेश किया है। इस राशि में मंगल ग्रह 12 मार्च 2023 तक रहेगा। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, मंगल का वक्री होकर वृष राशि में प्रवेश करना अशुभ घटनाओं की ओर संकेत कर रहा है। इस कारण प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं, जिसके कारण जान-मान का नुकसान हो सकता है। मंगल की ऐसी स्थिति 47 साल पहले बनी थी, तब भी प्राकृतिक आपदाओं के चलते कई लोगों की जान गई थी।

मंगल की इस स्थिति को कहते हैं अतिचारी
ज्योतिषाचार्य डॉ. मिश्र के अनुसार, आमतौर पर मंगल एक राशि में अधिकतम 45 दिन तक रहता है, लेकिन जब ये ग्रह इसकी अधिक किसी राशि में रहता है तो इस अवस्था को अतिचारी कहते हैं। वर्तमान स्थिति पर नजर डालें तो 10 अगस्त से 16 अक्टूबर तक यानी 67 दिन मंगल वृष राशि में रहा। इसके बाद ये मिथुन में आया और अब पुन: 14 नवंबर से ये ग्रह टेढ़ी चाल चलते हुए वृष राशि में आ चुका है, जहां ये 12 मार्च 2023 तक रहेगा यानी 120 दिन तक। मंगल की ये स्थिति कई दशकों में एक बार बनती है, जो अत्यंत कष्टदाई होती है। 

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कब बनी थी मंगल की ऐसी स्थिति?
ज्योतिषाचार्य डॉ. मिश्र के अनुसार, 14 दिसंबर 1975 यानी 47 साल पहले भी मंगल वक्री चाल चलते हुए वृष राशि में आया था। उस समय एक के बाद एक कई दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनमें में कुछ घटनाओं में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। उनमें से कुछ घटनाओं की जानकारी इस प्रकार है-
- 27 दिसम्बर 1975 को झारखंड के धनबाद जिले की चासनाला कोयला खदान में 372 लोगों की मौत हुई थी।
- 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक भारत में इंदिरा सरकार द्वारा इमरजेंसी यानी आपात काल की घोषणा की गई थी। इस घटना को भारतीय इतिहास के काले दिनों के रूप में याद किया जाता है।
- 02 जनवरी 1976 को कैपेला नाम के तूफान से समुद्री तटों पर बसे कई देशों में बाढ़ की स्थिति बनी थी, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। इस तूफान से डेनमार्क, जर्मनी, नीदरलैंड, आयरलैंड, यूके, फ्रांस आदि कई देश प्रभावित हुए थे। 

ऐसा होगा देश-दुनिया पर असर
- ज्योतिषाचार्य डॉ. मिश्र के अनुसार, मंगल के अतिचारी होने के कारण देश में हिंसक आंदोलन, उपद्रव और आगजनी की घटनाएं हो सकती है, जिसमें जान-माल का नुकसान हो सकता है। 
- देश के कुछ हिस्सों में बर्फबारी और बारिश भी हो सकती है जिसका असर जनमानस पर भी होगा। इसके अलावा भूंकप और हिमस्खलन की स्तिथि भी बन सकती है। सेना और पुलिस विभाग में कुछ बड़े उलटफेर भी हो सकते हैं।
- देश की राजनीति में भी कोई अप्रत्याशित घटना होने के संकेत मिल रहे हैं। किसी बड़े राजनेता या व्यक्ति से जुड़ी बड़ी खबर सुनने को मिल सकती है। 


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